नासा का स्‍पेशल प्रोग्राम पूरा करने वाली पहली भारतीय, अब आंध्र प्रदेश की जाह्नवी भरेंगी अंतरिक्ष की उड़ान 

जाह्नवी को  नासा के प्रतिष्ठित अंतरराष्‍ट्रीय एयर एंड स्‍पेस प्रोग्राम को सफलतापूर्वक पूरा करने वाली पहली भारतीय होने का गौरव हासिल हुआ है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्‍ली:

आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के पलाकोल्लू की डांगेटी जाह्नवी साल 2029 में अंतरिक्ष की यात्रा पर जाने वाली हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्‍युनिकेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट जाह्नवी को  नासा के प्रतिष्ठित अंतरराष्‍ट्रीय एयर एंड स्‍पेस प्रोग्राम को सफलतापूर्वक पूरा करने वाली पहली भारतीय होने का गौरव हासिल हुआ है. जाह्नवी को टाइटन के ऑर्बिटल पोर्ट स्पेस स्टेशन की यात्रा के लिए चुना गया है. चार साल के बाद शुरू होने वाला यह एक महत्‍वपूर्ण अमेरिकी प्रोजेक्‍ट है.

हमेशा से स्‍पेस में दिलचस्‍पी  

जाह्नवी को हमेशा से ही स्‍पेस में खासी दिलचस्‍पी रही है. उन्‍होंने अपने गृहनगर पलाकोल्लू में इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद पंजाब के लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है. उनके माता-पिता श्रीनिवास और पद्मश्री वर्तमान में अपने काम के सिलसिले मे कुवैत में रह रहे हैं. 

जाह्नवी को STEM शिक्षा और स्‍पेस आउटरीच के क्षेत्र में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए जाना जाता है. वह भारतीय अंतरिक्ष संस्‍थान ISRO के कुछ एजुकेशनल प्रोग्राम पर लेक्‍चर्स दे चुकी हैं. इसके अलावा जाह्नवी ने नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (NIT) समेत कई और प्रतिष्ठित संस्थानों में छात्रों को संबोधित किया है. वह नियमित तौर पर एनालॉग मिशन, डीप-सी डाइविंग और प्‍लैनेटरी साइंस और लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्रा में स्थिरता से संबंधित वैश्विक सम्मेलनों में अक्‍सर हिस्‍सा लेती आई हैं. 

जाह्नवी के हिस्‍से हैं कई अवॉर्ड 

इंटरनेशनल एस्‍ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबरेशन में उनके योगदान ने पैनोरमिक सर्वे टेलीस्कोप और रैपिड रिस्पांस सिस्टम (पैन-स्टारआरएस) के डेटा के आधार पर एक सबसे युवा क्षुद्रग्रह की खोज का नेतृत्व किया था. वह सबसे कम उम्र की विदेशी एनालॉग अंतरिक्ष यात्री भी थीं. साथ ही स्पेस आइसलैंड के भूविज्ञान प्रशिक्षण के लिए चुनी गई पहली भारतीय थीं. पिछले कुछ सालों में जाह्नवी को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. इनमें नासा स्पेस एप्स चैलेंज में पीपुल्‍स च्वाइस अवार्ड और इसरो वर्ल्ड स्पेस वीक यंग अचीवर अवार्ड शामिल हैं. 

Featured Video Of The Day
Uttarakhand Cloudburst: Dharali में तबाही के बाद गांव का मंदिर कहां गया | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article