साइरस मिस्त्री को सिर में लगी चोट और हार्ट इंजरी भी हुई, शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई सामने

शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उनकी छाती, सिर, गर्दन, जांघ में गंभीर चोट लगी थी. उन्हें पॉलीट्रॉमा था, जो तब होता है जब कोई व्यक्ति महत्वपूर्ण आंतरिक चोटों को झेलता है. एक अंतिम रिपोर्ट, जो दो दिनों में आ जाएगी, उसी में मौत का सही कारण पता लग सकेगा.

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साइरस मिस्त्री का अंतिम संस्कार आज हुआ
मुंबई:

देश के मशहूर उद्योगपति साइरस मिस्त्री का एक खतरनाक सड़क हादसे में निधन हो गया. अब उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है. शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उनकी छाती, सिर, गर्दन, जांघ में गंभीर चोट लगी थी. उन्हें पॉलीट्रॉमा था, जो तब होता है जब कोई व्यक्ति महत्वपूर्ण आंतरिक चोटों को झेलता है. एक अंतिम रिपोर्ट, जो दो दिनों में आ जाएगी, उसी में मौत का सही कारण पता लग सकेगा.

साइरस मिस्त्री के शरीर से आठ नमूने लिए गए और पूरा पोस्टमॉर्टम कैमरे पर किया गया. विसरा के नमूने सुरक्षित रख लिए गए हैं. उनका अंतिम संस्कार आज मुंबई के वर्ली श्मशान घाट में किया गया. महाराष्ट्र के पालघर जिले में मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर सूर्या नदी पर एक पुल पर उनकी तेज रफ्तार कार के डिवाइडर से टकरा जाने से उनकी और उनके साथी जहांगीर पंडोले की मौत हो गई.

मिस्त्री के साथ यात्रा कर रहे मिस्त्री के अन्य दोस्त, डेरियस पंडोले, और उनकी डॉक्टर-पत्नी अनाहिता पंडोले, जो कार चला रहे थी. जिनका मुंबई के सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन और रिसर्च सेंटर अस्पताल में इलाज जारी है. पालघर पुलिस ने मर्सिडीज कार का सीसीटीवी फुटेज भी हासिल किया है जिसमें मिस्त्री यात्रा कर रहे थे. फुटेज में दिखाया गया है कि कार दोपहर 2.21 बजे दपचारी चेक पोस्ट से गुजर रही थी, जब मिस्त्री और उनके दोस्त गुजरात के उदवाड़ा से मुंबई लौट रहे थे.

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मिस्त्री और जहांगीर पंडोले, दोनों पीछे बैठे थे, दोनों ने सीट बेल्ट नहीं पहनी हुई थी. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मर्सिडीज ने मुंबई से 120 किलोमीटर दूर पालघर में चरोटी चेक पोस्ट को पार करने के बाद नौ मिनट में 20 किमी की दूरी तय की थी. 2017 मर्सिडीज एसयूवी जिसमें वे यात्रा कर रहे थे, उसमें कुल मिलाकर सात एयरबैग थे, हालांकि पीछे के यात्रियों के लिए कोई फ्रंट-फेसिंग एयरबैग नहीं है और किनारों पर सिर्फ कर्टेन एयरबैग हैं.

पुलिस के मिली जानकारी के अनुसार, साइरस मिस्त्री ने सीट बेल्ट नहीं पहनी हुई थी. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, तेज गति और चालक द्वारा "निर्णय की त्रुटि" के कारण यह घातक दुर्घटना हुई. हालांकि हादसों की सही वजह मालूम करने के लिए जांच जारी है.

सड़क हादसे में टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत के बाद कार में पिछली सीट पर भी सीट बेल्ट लगाने का मुद्दा अहम बन गया है. अभी तक की जांच में पता चला है कि पिछली सीट पर बैठे साइरस मिस्त्री और जहांगीर पंडोल ने सीट बेल्ट नही लगा रखा था लिहाजा हादसे के दौरान उन्हें जोरदार झटका लगा और मौत हो गई. जबकि आगे बैठी कार चला रहीं अनहिता पंडोल और डेरियस पंडोल बच गए क्योंकि उन्होंने सीट बेल्ट पहन रखी थी जिसकी वजह से उनका एयरबैग खुल गया था. 

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आखिर क्या है सीट बेल्ट के लिए कानून और क्यों नही लगाते हैं पीछे बैठे यात्री सीट बेल्ट ये जानने के लिए बात की है मुंबई ट्रैफिक के डीसीपी राज तिलक रोशन से. राज तिलक रोशन के मुताबिक  ड्राइवर के साथ ही आगे बैठे और पीछे बैठे सभी को सीट बेल्ट लगाना जरूरी है. मोटर व्हीकल ऐक्ट सेक्शन 194 B1 के तहत 200 रूपये का जुर्माना है. लेकिन लोगों में जानकारी की कमी है और  एक आम धारणा है कि सिर्फ आगे बैठे लोगों को ही सीट बेल्ट लगाना जरूरी है.

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जबकि ऐसा नहीं है सभी के लिए जरुरी है. ये केस कई लोगों के लिए एक आंख खोल देने वाली घटना है इसलिए मुंबई के भी अब इसके लिए एक जागरूकता अभियान शुरू करेगे. साथ में गति नियंत्रण भी जरूरी है.

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