निर्माण कंपनी एफकान्स ने सोमवार को बताया कि अरब सागर में आए चक्रवातीय तूफान ‘ताउते' के कारण बंबई हाई तेल क्षेत्र में अपतटीय उत्खनन के लिए तैनात उसके दो बजरे लंगर से खिसक गए और वे समुद्र में अनियंत्रित बहने लगे. उनपर 401 कर्मी सवार थे. सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं और इन बजरों को वापस खींच कर फिर इनके लंगर डाल दिए गए हैं. इससे पहले दिन में पीटीआई ने सरकारी तेल कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के एक अधिकारी के हवाले से कहा था कि वहां ओएनजीसी का एक बजरा लंगर से हट गया है लेकिन बाद में कंपनी ने साफ किया कि उसने बजरे किराए पर लिए थे और उनपर तैनात कर्मचारी ठेके पर काम कर रही कंपनी एफकॉन्स के हैं. एफकॉन्स साइरस मिस्त्री के शपूरजी पलोनजी समूह के स्वामित्व वाली कंपनी है.
प्रभावित बजरे हीरा प्लेटफॉर्म पर तैनात थे जो बंबई हाई पर स्थित ओएनजीसी के रिग में सबसे बड़ा है. बंबई हाई ओएनजीसी की भारत में सबसे बड़ी तेल और गैस संपत्ति है. अरब सागर को प्रभावित करने वाले चक्रवात की वजह से इन बजरे के लंगर हट गए और वे बहने लगे.
एफकॉन्स के प्रवक्ता ने "ओएनजीसी रिग पर हमारे दो बजरे तैनात थे. बजरे पी305 पर 273 कर्मी सवार थे और दूसरे बजरे पर 137 कर्मी सवार थे. बदकिस्मती से तेज चक्रवातीय हवा से दोनों के लंगर हट गए. हालांकि नौसेना की मदद से दोनों बजरे को खींच लिया गया और दोपहर साढे़ तीन बजे तक मिली जानकारी के मुताबिक उनपर सवार सभी 410 कर्मी सुरक्षित हैं." प्रवक्ता से जब यह कहा गया कि नौसेना सूत्रों का कहना है कि 15 कर्मी लापता बताए जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि शाम साढ़े पांज बजे तक उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं आयी.
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इससे पहले ओएनजीसी के आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया था कि बजरे ‘पी305' पर सवार सभी 261 लोग दोपहर एक बजे तक सुरक्षित थे और बजरे को भी बहने से रोक लिया गया. प्रवक्ता ने कहा था चूंकि चक्रवात अभी भी सक्रिय है और तट पर नहीं पहुंचा है, स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है. प्रवक्ता ने कहा था कि नौसेना ने आईएनएस कोच्चि और अन्य जहाजों को मदद के लिए तैनात किया है.
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