कोरोना होने पर भी बेवजह और बार-बार नहीं करवाना चाहिए सी.टी. स्कैन : AIIMS प्रमुख रणदीप गुलेरिया

एम्स निदेशक ने कहा कि एक सीटी स्कैन 300-400 चेस्ट एक्सरे के बराबर है. बार-बार सी.टी. स्कैन करवाने पर कैंसर का रिस्क होता है.

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बायोमार्कर और सी.टी. स्कैन डॉक्टर की सलाह से ही कराएं : गुलेरिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

देशभर में कोरोनावायरस (Coronavirus) कहर बरपा रहा है. पिछले कई दिनों से रोजाना तीन लाख से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं. कोरोना लोगों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है, जिसके चलते पैनिक होकर बड़ी संख्या में लोग सीटी-स्कैन करा रहे हैं. इस बीच एम्स (AIIMS) के निदेशक रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने कहा कि बहुत ज्यादा लोग CT-स्कैन करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि कोविड के माइल्ड (हल्के) लक्षण हैं, घर पर हैं और सैचुरेशन ठीक है तो सी.टी. स्कैन से फायदा नहीं है. कुछ पैचेज आएंगे. इसका फायदा नहीं नुकसान ज्यादा है.

एम्स निदेशक ने कहा कि एक सीटी स्कैन 300-400 चेस्ट एक्सरे के बराबर है. बार-बार सी.टी. स्कैन करवाने पर कैंसर का रिस्क होता है. अगर सिम्पटम नहीं है. पहले चेस्ट एक्सरे कराने के बाद अगर जरूरत हो और अगर हॉस्पिटल में हों तो सी.टी. स्कैन कराएं. बायोमार्कर और सी.टी. स्कैन डॉक्टर की सलाह से ही कराएं. 

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उन्होंने कहा कि कुछ लोग हर तीन दिन में सीटी स्कैन करा रहे हैं. उन्हें बाद में दिक्कत हो सकती है. माइल्ड में सी.टी. स्कैन और बायो मार्कर न कराएं. बायोमार्कर से ऐसा नहीं कि पता चले की बीमारी बढ़ी हुई है. गुलेरिया ने कहा कि शुरुआती दौर में स्टेरॉयड नहीं लेना चाहिए. मॉडरेट लक्षण में स्टेरॉयड की ज़रूरत होती है. माइल्ड में स्टेरॉयड नहीं लेना चाहिए. 

देश में कोरोनावायरस के सोमवार को 3.68 लाख नए मामले दर्ज किए है. पिछले 24 घंटे में 3400 से ज्यादा लोगों की घातक वायरस की वजह से जान गई. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, जिन राज्यों से कोविड-19 के अधिकांश मामले सामने आ रहे हैं उनमें- महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत अन्य शामिल हैं.

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