उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह से राहुल गांधी की दूरी! अब BJP-कांग्रेस आमने-सामने

ससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार सुबह गणतंत्र मंडप, राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य शपथ ग्रहण समारोह में सी. पी. राधाकृष्णन को भारत के १५वें उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ दिलाई.

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नई दिल्ली:

नए उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी के शामिल न होने के फैसले से भाजपा और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है. भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने X पर एक पोस्ट कर आरोप लगाया है कि राहुल गांधी संविधान और भारतीय लोकतंत्र से नफरत करते हैं. वहीं, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. 

भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने X पर कहा, "राहुल गांधी भारतीय संविधान से नफरत करते हैं! राहुल गांधी भारतीय लोकतंत्र से नफ़रत करते हैं! राहुल गांधी ने उपराष्ट्रपति के आधिकारिक शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया! कुछ दिन पहले उन्होंने लाल किले पर भारत की आज़ादी के जश्न का बहिष्कार किया था! क्या एक ऐसा व्यक्ति जो भारत के स्वतंत्रता दिवस और संवैधानिक गणमान्य व्यक्ति के शपथ ग्रहण समारोह का तिरस्कार करता है, सार्वजनिक जीवन में रहने के योग्य हो सकता है? राहुल गांधी के पास मलेशिया में छुट्टियां मनाने का समय है. लेकिन आधिकारिक संवैधानिक समारोह में जाने का नहीं."

कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज ने इन आरोपों को खारिज करने में देरी नहीं की. उदित राज ने एनडीटीवी से कहा, " जो संविधान से नफरत करते हैं वह आज आरोप लगा रहे हैं कि राहुल गांधी संविधान विरोधी हैं? जब कांग्रेस के अध्यक्ष उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में गए तो यह काफी है. उन्होंने पार्टी का प्रतिनिधित्व किया. हर कार्यक्रम में विपक्ष के नेता को भाग लेना जरूरी नहीं है. ऐसा कोई नियम नहीं है कि लोकसभा के विपक्ष के नेता को हर कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए".

उदित राज ने कहा कि बीजेपी के बयानों से लगता है कि बीजेपी ने राहुल गांधी को De facto PM बना दिया है! उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान से नफ़रत तो बीजेपी और आरएसएस करते हैं. वे भारतीय संविधान को तहस-नहस कर रहे हैं. राहुल गांधी भारतीय संविधान को बचाने के लिए लड़ रहे हैं.

उदित राज ने एनडीटीवी से कहा, "यह एक मज़ाक है जो उन्होंने (भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने) बनाया है. वह एक जोकर हैं. इस जोकर को समझना चाहिए कि वह क्या कह रहे हैं. राहुल गांधी संविधान बचाने के लिए लड़ रहे हैं".

देश के नए उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को औपचारिक रूप से राज्य सभा के सभापति का पदभार ग्रहण किया. पदभार संभालने के बाद उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने संसद भवन स्थित प्रेरणा स्थल पर महान विभूतियों को पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने संसद भवन परिसर में एक पौधा भी लगाया, जो एक सतत भविष्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

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इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार सुबह गणतंत्र मंडप, राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य शपथ ग्रहण समारोह में सी. पी. राधाकृष्णन को भारत के १५वें उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ दिलाई.

1957 में तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे राधाकृष्णन का राजनीतिक और सामाजिक जीवन चार दशकों से अधिक का है. वे दो बार सांसद रहे, कई संसदीय समितियों की अध्यक्षता की और तमिल नाडु में भाजपा की राज्य इकाई का नेतृत्व किया. झारखण्ड और महाराष्ट्र का राज्यपाल रहते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा और ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिया.

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