राजस्थान के श्रीगंगानगर की गौशाला बनी गोवंश की कब्रगाह, लोगों का गुस्सा देख प्रधान पद छोड़कर भागा

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर क्षेत्र के एक गांव में गोशाला में हुई गोवंशों की मौत के बाद लोगों में गुस्सा है. प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है.

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श्रीगंगानगर:

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर क्षेत्र के गांव भोमपुरा की गौशाला में बड़ी संख्या में गोवंश की मौत हुई है. इससे लोगों में रोष है. इसकी खबर मिलते हुए जिले के वरिष्ठ अधिकारी गौशाला पहुंचे और जांच-पड़ताल शुरू की. मामला सामने आने के बाद गौशाला के प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया. जिले के समेजा कोठी थाना क्षेत्र में स्थित इस गौशाला को करीब 11 साल पहले जनसहयोग से स्थापित किया गया था. लेकिन गौशाला प्रबंधन की कथित लापरवाही के चलते गोवंश की मौतें लगातार होती रहीं. ग्रामीणों के बीच चर्चा है कि पिछले कुछ दिनों में ही कम से कम 100 गायों की मौत हुई है. वहीं कुछ लोग इस आंकड़े को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाना भी मान रहे हैं.

ग्राम प्रधान को सौंपी गई गौशाला की जिम्मेदारी

गोवंश की मौतों की सूचना मिलने के बाद प्रशासन हरकत में आया. प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे. अनूपगढ़ से अतिरिक्त जिला कलेक्टर भी घटनास्थल पर पहुंचे. एसडीएम सुभाष चौधरी ने बताया कि फिलहाल गौशाला की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के सरपंच को सौंप दी गई है. हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि गौशाला में प्रबंधन की लापरवाही के कारण कितनी गायों की मौत हुई, इसकी निष्पक्ष जांच होनी जरूरी है. गोवंश की मौतों के घटना सामने आने के बाद गौशाला के अध्यक्ष पालाराम बिश्नोई ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके बावजूद ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है और वे पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक यह गौशाला 2014 में दो ग्राम पंचायतों के लोगों द्वारा आपसी सहयोग से सरकारी भूमि पर स्थापित की गई थी.शुरुआत में इसका संचालन सुचारू रूप से चल रहा था, लेकिन करीब दो साल बाद इसका प्रबंधन रायसिंहनगर निवासी पालाराम बिश्नोई को सौंप दिया गया. शुरू में तो व्यवस्था ठीक रही, लेकिन धीरे-धीरे अनियमितताएं सामने आने लगीं.

गायों की मौत की खबर आने के बाद गोशाला के पास प्रदर्शन करते लोग.

गड्ढे में दवाए गए गोवंश के शव

गोवंश की मौतों का खुलासा होने के बाद स्थिति गंभीर हो गई. पुलिस सूत्रों के मुताबिक गौशाला के पीछे बड़े-बड़े खड्डे खोदे गए हैं. उनमें भारी संख्या में मृत गोवंश दबे हुए हैं. कई शव सड़-गल चुके हैं. इससे यह साफ है कि मौतें पिछले कई दिनों से हो रही थीं. सूत्रों के अनुसार रोजाना दो से तीन गायों की मौत हो रही थी. उनके शवों को खड्डों में डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दी जाती थी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक गौशाला में भारी गंदगी फैली हुई है. सूखे और हरे चारे की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. कड़ाके की सर्दी में गोवंश को ठंड से बचाने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किया गया था. इसी लापरवाही के चलते रोजाना गोवंश की मौत हो रही थी.

इस घटना ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. श्रीकरणपुर से कांग्रेस विधायक और जिलाध्यक्ष रूपेंद्र सिंह रूबी समेत कई कांग्रेसी नेता भोमपुरा पहुंचकर गौशाला की वास्तविक स्थिति की जांच करेंगे. वहीं विपक्षी नेता टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी सरकार पर गोवंश संरक्षण के नाम पर राजनीति करने के आरोप लगाए हैं.

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