कोविशील्ड 780 रुपये, कोवैक्सीन 1410, Sputnik V 1145: प्राइवेट अस्पतालों के लिए कोरोना वैक्सीन के अधिकतम रेट तय

वैक्सीन के रेट निर्धारित करने के साथ हर रोज इसकी निगरानी की जाएगी, ज्यादा रेट वसूलने पर प्राइवेट कोविड वैक्सीनेशन सेंटर के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के अधिकतम रेट तय कर दिए हैं. कोविशील्ड (Covishield) का दाम 780 (600 वैक्सीन की कीमत+5 प्रतिशत GST+सर्विस चार्ज 150 रुपया) रुपये प्रति डोज़ होगा. कोवैक्सीन (Covaccine) का दाम 1410 रुपये (1200 रुपया कीमत+60 रुपया जीएसटी+150 रुपया सर्विस चार्ज) प्रति डोज़ होगा. स्पूतनिक-वी का दाम प्राइवेट अस्पतालों के लिए 1145 प्रति डोज़ (948 रुपया वैक्सीन+47 रुपया जीएसटी+ 150 रुपया सर्विस चार्ज) होगा. 

वैक्सीन के रेट निर्धारित करने के साथ हर रोज इसकी निगरानी की जाएगी. ज्यादा रेट वसूलने पर प्राइवेट कोविड वैक्सीनेशन सेंटर के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. केंद्र ने राज्यों से कहा है कि 150 रुपये सर्विस चार्ज से ज्यादा प्राइवेट अस्पताल न लें. इनकी निगरानी राज्य सरकारों को करनी है.

केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन के अधिकतम रेट तय करते हुए इसके बारे में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मेमोरेंडम भेजा है. 

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नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने आज कहा कि कुछ राज्यों ने पिछले महीने कहा था कि टीकों की खरीदी केंद्र द्वारा की जाए. उन्होंने कहा कि कोविशील्ड की 25 करोड़ डोज का ऑर्डर और कोवैक्सीन की 19 करोड़ डोज का ऑर्डर कंपनियों को दिया गया है. यह एडवांस ऑर्डर दिया गया है जिसके लिए 30 फीसदी पेमेंट एडवांस में दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने कुल 74 करोड़ वैक्सीन की डोज का एडवांस ऑर्डर दिया है. डॉ वीके पॉल ने कहा कि ई बायोलॉजिकल वैक्सीन सितंबर में मिलने की उम्मीद है, जिसके लिए 30 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया गया है. 

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स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी लव अग्रवाल ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ की वेबसाइट में सारी जानकारी उपलब्ध है. क्लीनिकल मैनेजमेंट इन्वॉल्व है. एक विस्तृत चर्चा के बाद गाइडलाइन जारी की जाती है जो DGHS की साइट पर गाइडलाइन एनालिसिस स्टेज पर है. फाइनल गाइडलाइन मिनिस्ट्री की साइट पर डाली जाएगी. 

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केंद्र सरकार ने कोविड वैक्सीन की 74 करोड़ डोज की खरीद के लिए ऑर्डर दिया

हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि डीजीएचएस की जिस गाइडलाइन में कोरोना मरीजों के ट्रीटमेंट से आइवरमेक्टिन, एचसीक्यू, एंटीबायोटिक हटाई गई है, वह गाइडलाइन अभी वर्क इन प्रोग्रेस है. टॉस्क फोर्स और एक्सपर्ट उसका मूल्यांकन कर रहे हैं. फैसला होने के बाद वह हेल्थ मिनिस्ट्री की गाइडलाइन बनेगी.

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