राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में फिर तेजी से हो रही वृद्धि पर चिंता जताते हुए टीकाकरण अनिवार्य करने का फैसला लिया है. राज्य सरकार के इस फैसले के तहत राजस्थान में सभी पात्र लोगों के लिए 31 जनवरी 2022 तक टीका अनिवार्य होगा. इस तारीख के बाद टीके की दोनों खुराक नहीं लगवाने वालों को सार्वजनिक स्थानों पर जाने की अनुमति नहीं होगी. वहीं, राज्य में रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक जन अनुशासन कर्फ्यू का प्रभावी पालना सुनिश्चित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के तेजी से होते प्रसार पर चिंता व्यक्त की गई. मंत्रिपरिषद ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप राज्य में भी संक्रमण से बचाव तथा जीवन रक्षा के लिए आवश्यक पाबंदियां लगाने पर सहमति व्यक्त की है.
वहीं राज्य के गृह विभाग ने बाद में इस संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी किए. सरकारी बयान के अनुसार, कर्फ्यू का कड़ाई से पालन, मास्क की अनिवार्यता सहित अन्य प्रोटोकॉल के सख्ती से पालन पर जोर दिया गया है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने बैठक में कहा कि लोगों की जीवन रक्षा के साथ-साथ आजीविका को सुचारू रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. जीविकोपार्जन को ध्यान में रखते हुए राज्य मंत्रिपरिषद ने फिलहाल कम से कम पाबंदियों के साथ जन अनुशासन के पालन पर जोर दिया है.
मंत्रिपरिषद में लिए गए फैसलों के अनुसार, सभी विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/विद्यालय/कोचिंग संस्थान के शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टाफ, 18 वर्ष से अधिक आयु के छात्र-छात्राएं एवं संस्थान आवागमन हेतु संचालित बस, आटो एवं कैब के चालक को टीके की दोनों खुराक अनिवार्य रूप से लगानी होगी.
राज्य के सभी सिनेमा हॉल/थिएटर/मल्टीप्लेक्स पूर्ण टीकाकरण कराने वाले वयस्कों के लिए रात 10 बजे तक खुलेंगे. सभी प्रकार के भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक, सामाजिक, राजनीतिक, खेल-कूद संबंधी, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक समारोह/त्योहारों/शादी-समारोह में अधिकतम 200 व्यक्तियों के सम्मिलित होने की अनुमति होगी.
सिटी/मिनी बसों का संचालन प्रातः पांच बजे से रात्रि 11 बजे तक हो सकेगा. रेस्तरां को होम डिलीवरी की सुविधा प्रतिदिन 24 घण्टे अनुमति होगी.
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