दुनिया की पहली DNA वैक्सीन Zycov-D को भारत में मंजूरी मिल गई है. अब Zycov D टीके को लेकर NTAGI की बैठक होगी. इसमें दो मुद्दों पर चर्चा होगी. इस वैक्सीन को टीकाकरण प्रोग्राम में कैसे शामिल करना है और लाभकर्ताओं में किसको प्राथमिकता देनी है. करीब चार से पांच हफ्तों में Zycov-D टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा. इससे पहले NTAGI इसकी रूप रेखा करेगा तैयार. Zydus Cadila द्वारा निर्मित इस वैक्सीन को डीसीजीआई ने आज शुक्रवार को मंजूरी दी है. वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज ऑथोराइजेशन मिलने के बाद इसकी 0, 28 और 56 दिन पर तीनों डोज दी जा सकती हैं. इस वैक्सीन पर अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल हुआ है, जिसमें करीब 28000 लोग शामिल हुए थे.
12 से 18 साल के बीच करीब 12 करोड़ बच्चे हैं. सभी बच्चों को टीके की ज़रूरत नहीं है. Zycov D टीके की शुरुआत सामान्य लोगों (General Population) से ही होगी. कॉमोर्बिडिटी वाले बच्चों को इसमें प्राथमिकता दी जा सकती है. 12 से 18 के बीच में करीब 1% बच्चों को ही बीमारी की समस्या है.
इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद देश में अब कोरोना के खिलाफ 6 वैक्सीन से लोगों को सुरक्षा दी जा सकेगी. कंपनी ने कहा कि उसकी सालाना ZyCoV-D की 100 मिलियन से 120 मिलियन खुराक बनाने की योजना है. कंपनी ने वैक्सीन का स्टॉक करना भी शुरू कर दिया है. कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के रूप में सूचीबद्ध जेनेरिक दवा निर्माता ने 1 जुलाई को ZyCoV-D के प्राधिकरण के लिए आवेदन किया था. वैक्सीन का ट्रायल 28,000 से अधिक स्वयंसेवकों पर किया गया है. परीक्षण में इसकी प्रभावकारिता 66.6 प्रतिशत आकी गई है. ZyCoV-D कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया का पहला प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है. यह वायरस से आनुवंशिक सामग्री के एक हिस्से का उपयोग करता है.