मुंबई के सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन की कमी, लेकिन प्राइवेट में मिल रहा है टीका

कोरोनावायरस टीके (Coronavirus Vaccine) की कमी के वजह से पहले से ही जहां टीकाकरण अभियान की रफ्तार धीमी हो गई है, तो वहीं मुंबई (Mumbai Covid 19 Vaccination) में अधिकतर टीके निजी अस्पतालों में पैसे देकर लग रहे हैं.

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सरकारी अस्पतालों में टीके की कमी है. (फाइल फोटो)
मुंबई:

कोरोनावायरस टीके (Coronavirus Vaccine) की कमी के वजह से पहले से ही जहां टीकाकरण अभियान की रफ्तार धीमी हो गई है, तो वहीं मुंबई (Mumbai Covid 19 Vaccination) में अधिकतर टीके निजी अस्पतालों में पैसे देकर लग रहे हैं. जिसके बाद अब सवाल उठने लगा है कि क्या केवल सरकारी अस्पतालों में ही टीके की कमी है. जिस बीकेसी वैक्सीनशन सेंटर में अप्रैल महीने में टीकाकरण के लिए लंबी भीड़ लगती थी, वहां जून महीना आते-आते सन्नाटा छाया हुआ है. गिने-चुने लोग ही अब यहां नजर आ रहे हैं और केवल पहले से स्लॉट बुक करने वालों को ही यहां टीका दिया जा रहा है.

विनायक काकड़े 60 किलोमीटर दूर वसई से बीकेसी में वैक्सीन लगाने पहुंचे हैं. स्लॉट भी रात 2 बजे बुक हुआ है. विनायक ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में टीके के लिए 1100, 1800, कोई 2000 रुपये भी ले रहा है. यह गलत है. सब लोगों के लिए रेट एक ही रहना चाहिए.

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तनय अपने दो साथियों के साथ यहां वैक्सीन लेने पहुंचे. उनका कहना है कि अगर सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन नहीं मिलती, तो फिर वो निजी अस्पताल का रुख करते. उन्होंने कहा, 'हम पिछले 3 से 4 दिन से कोशिश कर रहे थे. शुरुआत में हमें स्लॉट नहीं मिल रहे थे. निजी अस्पतालों ने कहा कि उनके यहां टीके के लिए हमें ऐप पर ही स्लॉट बुक करना होगा लेकिन कल शाम को हमें स्लॉट मिल गया.'

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सरकारी अस्पतालों की तुलना में निजी अस्पतालों में ज्यादा टीके दिए जा रहे हैं. मुंबई के आंकड़ों पर नजर डालें, तो 2 जून को मुंबई में हुए कुल 49,833 टीकाकरण में से 44,323 टीके निजी अस्पतालों में लगे. 1 जून को मुंबई में हुए कुल 48,387 टीकाकरण में से 37,934 टीके निजी अस्पतालों में लगे. 31 मई को कुल 86,887 टीकाकरण में से 64,610 टीके निजी अस्पतालों में लगे. वहीं 29 मई को मुंबई में हुए कुल 55,843 टीकाकरण में से 38,924 टीके निजी अस्पताल में लगे.

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बीएमसी के एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर डॉक्टर सुरेश काकाणी ने बताया कि किसे कितना टीका दिया जाना है, यह केंद्र की ओर से तय किया जाता है. उन्होंने कहा, 'वैक्सीन का एलॉटमेंट केंद्र सरकार ने तय किया है. 50 फीसदी में राज्य शासन और निजी अस्पतालों को दिया जाता है. निजी अस्पतालों का कोटा उन्हें मिलता है. निजी अस्पतालों में पेड फैसिलिटी है, हमारे यहां मुफ्त है. बीएमसी का इसमें कोई रोल नहीं है. हम केवल इन्हें परमिशन देते हैं.'

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गौरतलब है कि निजी अस्पतालों में ज्यादा टीका मिलने का मतलब यह है कि जिसके पास पैसा है, उसे टीका मिलेगा. ऐसे में सवाल उठता है कि जो गरीब आदमी है, जिसके पास लॉकडाउन के चलते पहले से ही काम और पैसों की तंगी है, वो अपना टीकाकरण कैसे करवाए.

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