Corona India Update: 6 महीनों में कोविड से जंग और आसान होने की उम्मीद, स्वास्थ्य निकाय प्रमुख ने कहा

देश में कोरोना महामारी की रफ्तार लगातार कमजोर पड़ती जा रही है. ऐसे में इस बीमारी को नियंत्रण कर पाना दिन प्रतिदन आसान होता जा रहा है. एनसीडीसी के प्रमुख ने इस बात की उम्मीद जताई है.

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भारत में कोरोना से जंग आने वाले 6 माह में हो सकती है और आसान. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

देश में कोरोना महामारी (Covid-19) से जारी जंग आने वाले समय में और आसान होने की उम्मीद है. भारत में जारी टीकाकरण (Corona Vaccination) अभियान से कोरोना को लेकर सुरक्षा मिलेगी. एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत सिंह ने NDTV से विशेष बातचीत में कहा कि 75 करोड़ लोगों को टीका देने का मतलब है, वैक्सीन की एफिकेसी 70% मानें तो करीब 50 करोड़ आबादी को इम्यूनिटी इससे मिल चुकी है. सिंगल डोज से 30- 31% इम्यूनिटी मिलती है, तो 30 करोड़ जिनको एक डोज मिली है उनको इम्यूनिटी मिल चुकी है. Endemic (एंडेमिक का अर्थ होता है बीमारी का दायरा सीमित होना) तक पहुंच जाएं तो बीमारी को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.

केरल में कोरोना को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि केरल में ससेप्टिबल पूल ज्यादा था. केरल में भी हम सुधार की ओर बढ़ रहे हैं. इस पैंडेमिक ने हमारे ज्यादातर अनुमान को गलत साबित किया है, पर अगले 6 महीने में हम Endemic की ओर बढ़ जाएंगे. बीमारी की mortality और morbidity कंट्रोल दायरे में आ जाए तो स्थिति एंडेमिक की होती है. जिसको हमारा हेल्थ सिस्टम आसानी से नियंत्रण कर सकेगा.

उन्होंने कहा कि कोशिश है कि इस वायरस को सीमित दायरे तक ले आएं जिससे ये महामारी का रूप न ले पाए. ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन एक सामान्य प्रक्रिया है, ये होगा ही. टीका के एफिकेसी को देखें तो 20 से 30% में ब्रेक थ्रू इन्फेक्शन होगा. टीका लेने के बाद भी कोरोना उचित व्यवहार अपनाएं.

टीका लेने के बाद एंटीबॉडी डेवलप होता है, फिर धीरे-धीरे कम होना शुरू हो जाता है. साइंटिस्ट के मुताबिक 70 से 100 दिनों के दौरान इम्यूनिटी लेवल कम होने लगता है. इम्यूनिटी लेवल प्रोटेक्टिव इम्यूनिटी लेवल के नीचे चला जाता है तब  ससेप्टिबल पॉपुलेशन में पहुंच जाते हैं.

एनसीडीसी प्रमुख के अनुसार, भारत में कोरोना का कोई नया संस्करण नहीं है. C1.2 और Mu स्ट्रेन जो वर्तमान में चिंता का विषय हैं, देश में नहीं पाए गए हैं. डॉ सिंह ने कहा, "बस एक नया संस्करण तीसरी लहर का कारण नहीं बन सकता है. कारक व्यवहार और एंटीबॉडी का मिश्रण होगा. त्योहारों के मौसम के कारण कुछ चिंता है."

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