झारखंड में कोरोना का कहर: 24 घंटे में 3,825 नए मामले; 8 की मौत, सिर्फ रांची में 1543 मरीज

राज्य में कोविड के ओमिक्रॉन स्वरूप की जांच के लिए अब तक आनुवंशिकी अनुक्रमण मशीन की व्यवस्था नहीं किए जाने पर शुक्रवार को उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सरकार और विशेष तौर पर राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) रांची को फटकार लगाई और पूछा कि ऐसी स्थिति क्यों बनी और अब तक यह मशीन राज्य में क्यों नहीं मंगायी जा सकी है?

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झारखंड में इस समय 17,206 उपचाराधीन मरीज हैं. अब तक कुल 5,161 लोगों की कोविड से मौत हो चुकी है.
रांची:

झारखंड में भी कोरोना का कहर बढ़ गया है. वहां शुक्रवार को कोविड-19 के 3,825 नए मामले सामने आए हैं. इसके अलावा एक दिन में ही आठ मरीजों की मौत दर्ज की गई है. इस बीच, झारखंड उच्च न्यायालय ने कोविड-19 से निपटने की तैयारियों को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई है.राज्य सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को हर स्तर पर सावधानी बरतने एवं कड़ी नजर रखने की हिदायत दी है.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में बताया गया कि गत 24 घंटे में आए 3,825 नए मामलों में 1,543 मरीज अकेले राजधानी रांची के हैं, जबकि जमशेदपुर 593, बोकारो में 216, धनबाद में 93, पश्चिमी सिंहभूम में 175 और देवघर में 168 नए मामले आए हैं.

विभाग ने बताया कि राज्य में इस समय 17,206 उपचाराधीन मरीज हैं जबकि गत 24 घंटे के दौरान 866 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं. बुलेटिन के मुताबिक शुक्रवार को जिन आठ मरीजों की मौत हुई है उनमें बोकारो के तीन, रांची और जमशेदपुर के दो-दो, और सरायकेला का एक मरीज शामिल है. इसके साथ ही राज्य में महामारी से जान गंवाने वालों की कुल संख्या बढ़कर 5,161 हो गई.

इस बीच, राज्य में कोविड के ओमिक्रॉन स्वरूप की जांच के लिए अब तक आनुवंशिकी अनुक्रमण मशीन की व्यवस्था नहीं किए जाने पर शुक्रवार को उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सरकार और विशेष तौर पर राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) रांची को फटकार लगाई और पूछा कि ऐसी स्थिति क्यों बनी और अब तक यह मशीन राज्य में क्यों नहीं मंगायी जा सकी है?

अदालत ने यह टिप्पणी उपकरणों की कमी को लेकर प्रकाशित खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए की.

इससे पूर्व राज्य ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर ओमिक्रॉन की जांच के लिए राज्य के कोविड के मामलों की जांच एम्स भुवनेश्वर, एनआईबीएम अथवा कल्याणी से करवाने का अनुरोध किया था.

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वर्तमान में राज्य के ओमिक्रोन के संदिग्ध मामलों की जांच इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफसाइंस, भुवनेश्वर में होती है जहां से राज्य को 40 से 45 दिनों में रिपोर्ट प्राप्त होती है.

राज्य में महामारी के प्रसार के मद्देनजर राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अरुण सिंह ने सभी चौबीस जिलों के उपायुक्तों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बृहस्पतिवार देर रात पत्र जारी कर अपने-अपने यहां कोरोना की स्थिति पर कड़ी नजर रखने, हर स्तर पर सावधानी बरतने एवं सावधानी की हिदायत दी है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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