मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कथित फौन टैपिंग मामले में डॉक्यूमेंट और पेन ड्राइव 10 दिन के भीतर साइबर सेल को देने का आदेश दिया है. दरअसल, फोन टैपिंग मामले में जांच एजेंसी मुंबई साइबर सेल ने किला कोर्ट में अर्जी देकर डॉक्यूमेंट और पेन ड्राइव देने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए आदेश जारी किए हैं. दरअसल, राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) की शिकायत पर बीकेसी साइबर पुलिस स्टेशन ने मार्च 2021 में अज्ञात लोगों के खिलाफ कथित तौर पर अवैध रूप से फोन टैप करने और गोपनीय दस्तावेज लीक करने का केस दर्ज किया था. इसे लेकर साइबर सेल 4 बार देवेंद्र फडणवीस को समन कर चुकी है, लेकिन वो एक बार भी पेश नहीं हुए हैं.
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जानकारी के मुताबिक वरिष्ठ अधिकारी रश्मि शुक्ला उस अवधि के दौरान एसआईडी की प्रमुख थीं, लेकिन प्राथमिकी में उनका नाम नहीं था. राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर मामले के संबंध में कुछ दस्तावेज मांगे थे, लेकिन मंत्रालय ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि मांग 'अस्पष्ट और स्वीकार करने योग्य नहीं''है. उसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने मजिस्ट्रेट अदालत का दरवाजा खटखटाया और गृह मंत्रालय को दस्तावेज सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया.
केंद्र सरकार ने अदालत से याचिका को खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा कि राज्य के अधिकारी यह स्पष्ट करने में विफल रहे कि उन्हें कौन से और किससे दस्तावेज चाहिए. इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस तबादलों में कथित भ्रष्टाचार को लेकर शुक्ला द्वारा तत्कालीन पुलिस महानिदेशक को कथित तौर पर लिखे गए एक पत्र का हवाला दिया था.
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रश्मि शुक्ला अभी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में तैनात हैं और उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय के समक्ष एक संबंधित याचिका में दावा किया कि सरकार ने पुलिस तबादलों में भ्रष्टाचार की शिकायतों को सत्यापित करने के लिए कुछ फोन नंबरों को ‘इंटरसेप्ट' करने की अनुमति दी थी.
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