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आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कोर्ट ने उमर अंसारी को अग्रिम जमानत दी

सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि अंसारी मामले में निचली अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह एक सभा में लोगों को उकसाने का मामला है और निचली अदालत में पेश हुए सह-आरोपियों को नियमित जमानत मिल गई है.

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नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने दिवंगत गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के मामले में सोमवार को अग्रिम जमानत दे दी. न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति पी के मिश्रा की पीठ ने उमर अंसारी से मामले के सिलसिले में निचली अदालत में पेश होने को कहा जो जमानत पर रिहा करेगी.

सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि अंसारी मामले में निचली अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह एक सभा में लोगों को उकसाने का मामला है और निचली अदालत में पेश हुए सह-आरोपियों को नियमित जमानत मिल गई है.

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प्रसाद ने न्यायालय से अनुरोध किया,‘‘कृपया उन्हें निचली अदालत के समक्ष पेश होने और अग्रिम जमानत के बजाय नियमित जमानत मांगने का निर्देश दें.''

अंसारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रसाद के दावे का विरोध किया और कहा कि वह निचली अदालत में पेश हुए थे और जमानती मुचलके जमा किए थे. सिब्बल ने कहा, ‘‘वह मंच पर थे लेकिन आपत्तिजनक बयान से जुड़ा एक भी शब्द नहीं बोला.'' पीठ ने दोनों वकीलों की दलीलों पर संज्ञान लिया और कहा कि वह राहत देने की इच्छुक है.

अंसारी को अग्रिम जमानत देते हुए पीठ ने उन्हें निचली अदालत में पेश होने और जमानती मुचलके जमा करने का निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने 25 जनवरी को उमर को मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले साल 19 दिसंबर को उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. अदालत ने कहा था कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए उन पर अपराध का मामला बनता है.

इस संबंध में चार मार्च, 2022 को मऊ जिले के कोतवाली थाने में अब्बास अंसारी (मऊ सदर सीट से एसबीएसपी प्रत्याशी और उमर के बड़े भाई), उमर अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

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प्राथमिकी में आरोप था कि तीन मार्च, 2022 को पहाड़पुरा मैदान में एक जनसभा में उन्होंने मऊ प्रशासन से ‘हिसाब बराबर करने का' आह्वान किया था. उनके खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था. पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का गत 28 मार्च को प्रदेश के बांदा स्थित एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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