कोर्ट ने एमनेस्‍टी इंडिया के पूर्व प्रमुख को दिया झटका, CBI को अब माफी भी नहीं मांगनी होगी

विशेष न्यायाधीश संतोष स्नेही मान ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर एक अर्जी पर यह आदेश जारी किया.

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दिल्ली के एक कोर्ट ने आकार पटेल को उसकी इजाजत के बगैर देश से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया है
नई दिल्‍ली:

दिल्ली के एक कोर्ट ने एमनेस्टी इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल (Aakar Patel) को उसकी इजाजत के बगैर देश से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इसके साथ ही, अमेरिका जाने से रोक दिए गए लेखक और कार्यकर्ता (आकार पटेल) से सीबीआई द्वारा लिखित में माफी मांगने के अपने गुरुवार के आदेश पर भी रोक लगा दी. विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (FCRA)के कथित उल्लंघन से जुड़े एक मामले में आकार के खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर' (एलओसी) वापस लेने का सीबीआई को निर्देश देने वाले आदेश पर भी कोर्ट ने रोक लगा दी.विशेष न्यायाधीश संतोष स्नेही मान ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर एक अर्जी पर यह आदेश जारी किया. दरअसल, याचिका के जरिये जांच एजेंसी ने बृहस्पतिवार को एक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जारी उस आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था, जिसमें सीबीआई को पटेल से माफी मांगने को भी कहा गया था.

न्यायाधीश ने कहा कि यह जरूरी है कि सीबीआई की पुनर्विचार अर्जी पर पटेल को औपचारिक जवाब दाखिल करने का मुनासिब अवसर दिया जाए.अदालत ने कहा, ‘‘दलील पेश किये जाने के दौरान निखिल गोयल (सीबीआई के वकील) ने इस बात का जिक्र किया कि प्रतिवादी ने कल देश से बाहर जाने की कोशिश की. ''अदालत ने लिखित में माफी मांगने संबंधी आदेश का सीबीआई निदेशक को अनुपालन करने से जुड़े निचली अदालत के निर्देश के क्रियान्वन पर रोक लगा दी.अदालत ने आदेश में कहा, ‘‘यह इस शर्त के संबंध में भी है कि प्रतिवादी (पटेल) इस अदालत की इजाजत के बगैर देश से बाहर नहीं जाएंगे. अगले हफ्ते जवाब और दलील दी जाए. ''अदालत ने विषय की आगे की कार्यवाही 12 अप्रैल के लिए निर्धारित कर दी.

गौरतलब है कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने बृहस्पतिवार को आदेश जारी किया था और जांच एजेंसी को फौरन एलओसी वापस लेने, पटेल से माफी मांगने तथा 30 अप्रैल तक एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.पटेल के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल को बृहस्पतिवार रात एक हवाई अड्डे पर फिर से रोका गया और उन्हें सूचित किया गया कि सीबीआई ने एलओसी वापस नहीं लिया है. दोनों याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है.अदालत ने इस बात का जिक्र किया कि आर्थिक नुकसान के अलावा, अर्जी देने वाले को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्हें निर्धारित समय पर यात्रा करने की अनुमति नहीं दी गई.अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था, ‘‘याचिकाकर्ता वित्तीय मुआवजे के लिए अदालत या अन्य मंच का दरवाजा खटखटा सकता है. इस अदालत का यह विचार है कि इस मामले में, सीबीआई प्रमुख अर्थात सीबीआई निदेशक द्वारा अपने अधीनस्थ की ओर से हुई चूक को स्वीकार करते हुए लिखित में माफी मांगने से जांच एजेंसी में जनता का विश्वास बना रहेगा.''पटेल की अर्जी में अमेरिका जाने के लिए अदालत की अनुमति मांगी गई थी, ताकि वह 30 मई तक विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित व्याख्यान दे सकें और विदेशों में अपना कामकाज पूरा कर सकें. (भाषा से भी इनपुट)

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