शादी के 40 साल बाद भी एक दंपति को अपने विवाह के रजिस्ट्रेशन के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है. सॉफ्टवेयर सिस्टम उनके आवेदन को स्वीकार नहीं कर रहा है, क्योंकि वे शादी के समय कम उम्र के थे. इस वजह से दंपति ने दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court)की ओर रूख किया है. इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दंपति की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए एक नोटिस जारी किया है. जस्टिस रेखा पल्ली ने राज्य सरकार और अन्य को याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है. अदालत ने सुनवाई 23 दिसंबर तय की है.
दंपति ने अधिवक्ता जे एस मान के माध्यम से अपनी याचिका दायर कर शादी का रजिस्ट्रेशन कराने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि उन्होंने सभी दस्तावेजों के साथ अपनी शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया, लेकिन सॉफ्टवेयर सिस्टम ने उनके आवेदन को स्वीकार नहीं किया. क्योंकि 28 मई 1981 को पति की उम्र 21 साल से कम थी और पत्नी की उम्र 18 साल से कम थी.
पति ने पत्नी को ‘कामधेनु गाय' समझा- कोर्ट ने दंपति को तलाक की मंजूरी दी
दंपति ने अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम, 1954 की धारा 15 में निर्धारित विवाह के रजिस्ट्रेशन के लिए सभी शर्तों को पूरा किया है, क्योंकि उन्होंने रजिस्ट्रेशन के समय 21 वर्ष की उम्र पूरी कर ली है. उन्होंने कहा कि शादी 28 मई, 1981 को हिंदू वैदिक संस्कारों के अनुसार हुई है. अब वह पति-पत्नी के रूप में रह रहे हैं. उनके चार बच्चे भी हैं.