'ब्लूबर्ड ब्लॉक-2' सैटेलाइट लॉन्चिंग को तैयार, मोबाइल की दुनिया में होगा ये बड़ा बदलाव

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 मिशन का उद्देश्य उपग्रह के जरिए सीधे मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है. यह नेटवर्क दुनिया में कहीं भी, कभी भी, सभी के लिए 4जी और 5जी वॉयस-वीडियो कॉल, संदेश, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं उपलब्ध कराएगा.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
'ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ मिशन लॉन्चिंग को तैयार.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में एलवीएम-एम6 रॉकेट की 24 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.
  • ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 संचार सैटेलाइट एलवीएम3 रॉकेट से पृथ्वी की निम्न कक्षा में प्रक्षेपित की जाएगी.
  • यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड और एएसटी स्पेसमोबाइल के समझौते के तहत हाई स्पीड ब्रॉडबैंड सेवा देगा.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि अमेरिका के एक नए पीढ़ी के संचार उपग्रह को ले जाने वाले एलवीएम-एम6 रॉकेट के प्रक्षेपण के लिए 24 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार को यहां शुरू हो गई. एक समर्पित वाणिज्यिक मिशन के तहत इसरो बुधवार को सुबह 8.54 बजे इस अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे प्रक्षेपण पैड से भारी सामान को ले जाने वाले अपने प्रक्षेपण यान एलवीएम3-एम6 के जरिए ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2' का प्रक्षेपण करेगा.

ये भी पढ़ें- सोना नहीं, इस साल चांदी खरीदने वालों ने कूटी चांदी, जानिए कितना हुआ फायदा

कितना वजनी है ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2'

बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि 6,100 किलोग्राम वजनी यह संचार उपग्रह एलवीएम3 के प्रक्षेपण इतिहास में पृथ्वी की निम्न कक्षा (एलईओ) में स्थापित किया जाने वाला अब तक सबसे भारी पेलोड होगा. इससे पहले सबसे भारी पेलोड एलवीएम3-एम5 संचार उपग्रह-03 था, जिसका वजन करीब 4,400 किलोग्राम था और जिसे इसरो ने दो नवंबर को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था.

इस ऐतिहासिक मिशन का मकसद क्या?

बुधवार का यह मिशन ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड' (एनएसआईएल) और अमेरिका स्थित एएसटी स्पेसमोबाइल के बीच हुए वाणिज्यिक समझौते के तहत संचालित किया जा रहा है. एनएसआईएल, इसरो की वाणिज्यिक इकाई है. यह ऐतिहासिक मिशन अगली पीढ़ी का ऐसा संचार उपग्रह स्थापित करेगा, जिसे दुनिया भर में सीधे स्मार्टफोन को उच्च गति वाली सेल्युलर ब्रॉडबैंड सेवा देने के लिए डिजाइन किया गया है. प्रक्षेपण से पहले इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने 23 दिसंबर को तिरुमला स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की.

3.5 मीटर ऊंचा एमवीएम3 तीन चरणों वाला रॉकेट

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, 43.5 मीटर ऊंचा एमवीएम3 तीन चरणों वाला रॉकेट है, जिसमें क्रायोजेनिक इंजन लगा है. इसे इसरो के ‘लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर' ने विकसित किया है.प्रक्षेपण के लिए आवश्यक अत्यधिक थ्रस्ट प्रदान करने के लिए इस प्रक्षेपण यान में दो एस200 ठोस रॉकेट बूस्टर लगाए गए हैं, जिन्हें विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने विकसित किया है. प्रक्षेपण के लगभग 15 मिनट बाद ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2' उपग्रह के रॉकेट से अलग होने की उम्मीद है.

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 मिशन का का मकसद जानें

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 मिशन का उद्देश्य उपग्रह के जरिए सीधे मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है. यह नेटवर्क दुनिया में कहीं भी, कभी भी, सभी के लिए 4जी और 5जी वॉयस-वीडियो कॉल, संदेश, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं उपलब्ध कराएगा. एएसटी स्पेसमोबाइल ने सितंबर 2024 में ब्लूबर्ड-1 से 5 तक पांच उपग्रह प्रक्षेपित किए थे, जो अमेरिका और कुछ अन्य देशों में निरंतर इंटरनेट कवरेज प्रदान कर रहे हैं. कंपनी ने अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए ऐसे और उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बनाई है और दुनिया भर के 50 से अधिक मोबाइल ऑपरेटरों के साथ साझेदारी की है.

Advertisement

बताया जा रहा है कि इस सैटलाइट की मदद से दुनियाभर में सबसे दूरदराज के इलाकों में भी मोबाइल सेवा आसानी से उपलब्ध हो सकेगी. पहाड़ों की ऊंच चोटी से लेकर रेगिस्तान तक, हर जगह मोबाइल स्मार्टफोन कनेक्टिविटी आसानी से पहुंचेगी. यह सभी को 4जी और 5जी वॉयस-वीडियो कॉल, मैसेज, डेटा सेवाएं और स्ट्रीमिंग उपलब्ध कराएगा.

इनुपुट- भाषा 

Featured Video Of The Day
Bangladesh में हिंदुओं के नरसंहार से आक्रोश! Kolkata में सड़कों पर उमड़ा लाखों का गुस्सा | Hindu