बधिर दादा से बात करने के लिए 11वीं के छात्र ने कमाल कर दिखाया है. शिवांश कुलश्रेष्ठ दिल्ली पब्लिक स्कूल, वसंत कुंज में छात्र हैं. 2020 के शुरुआत में उनके श्रवण बाधित दादा इलाज के लिए जयपुर चले गए थे, जिससे उनके साथ संवाद करने में कठिनाई हो रही थी, क्योंकि ज़ूम, गूगल मीट्स या स्काइप जैसे आधुनिक वीडियो-संचार माध्यम में से किसी ने भी भारतीय भाषाओं के लिए कैप्शनिंग प्रदान नहीं की थी. युवा छात्र ने इसे एक उल्लेखनीय अंतर के रूप में पहचाना और अपने प्रियजनों के साथ प्रभावी संचार को सक्षम करने के लिए भारतीय भाषाओं के बोलने वालों के लिए एक सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से लिंगोकैप बनाया. यह सेवा बोलने और सुनने में अक्षम भारतीयों के लिए एक अनूठा माध्यम प्रदान करती है, जिनकी संख्या लगभग 75 लाख या उससे अधिक है.
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सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने 26 अगस्त 2021 को 11वीं कक्षा के छात्र शिवांश कुलश्रेष्ठ द्वारा निर्मित एक संचार पोर्टल लिंगोकैप (www.lingocap.in) लॉन्च किया. लिंगोकैप देश की पहली संचार सेवा है जो विशेष रूप से भारत के मूक बधिर समुदाय को पूरा करता है. यह मंच पांच भारतीय भाषाओं में वीडियो संचार के लिए रीयल टाइम स्पीच कैप्शनिंग उपलब्ध कराने वाला पहला है और अपने लक्षित समूह के लिए संचार को सुलभ और समावेशी बनाने का प्रयास करता है.
उन्होंने व्यक्तिगत पहल के माध्यम से ऐसा किया, ऑनलाइन पाठ्यक्रम लेने के माध्यम से कैप्शनिंग और वीडियो संचार सॉफ्टवेयर स्थापित करने की मूल बातें सीखीं और अपने सपने को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक बेहतरी के लिए एक अभियान की शुरूवात की.
संचार पोर्टल भारतीय भाषाओं में लाइव स्पीच कैप्शनिंग और योग्य आईएसएल दुभाषियों के नेटवर्क के माध्यम से सुलभ संचार प्रदान करता है. इसके अतिरिक्त, एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म के रूप में, इसमें सभी मानक सुविधाओं जैसे ब्रेकआउट रूम, स्क्रीन शेयरिंग, व्हाइट बोर्ड संचार, और बहुत कुछ है, जो इसे सुविधाओं, पहुंच और दक्षता के मामले में अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दिग्गजों के बराबर रखता है.
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लिंगोकैप ने अपने 1,350+ उपयोगकर्ताओं पर बहुत कम समय में काफी प्रभाव डाला है, जिसमें बधिर छात्र और व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत मंच के राष्ट्रीय लॉन्च के बाद संख्या बढ़ने की उम्मीद है. मई 2020 से शिवांश ने सामाजिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए बधिर स्कूलों और गैर-लाभकारी संस्थाओं के साथ काम किया है. मंच का विस्तार जारी है और निकट भविष्य में एंड्रॉइड और आईओएस के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च करने की योजना है.
शिवांश कुलश्रेष्ठ की परियोजना देश में उन व्यक्तियों के जो सुनने या बोलने में अक्षम हैं. मूक-बधिर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में यह एक सराहनीय कदम है.