कर्नाटक (Karnataka) में ख़ासकर बेंगलुरु में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए अब राज्य सरकार ने कुछ कड़े कदम उठाने का फैसला किया है. किसी भी दूसरे राज्य से बेंगलुरु (Bengaluru) आने वालों को एक अप्रैल से आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट (Bengaluru RT-PCR test) साथ में लाना होगा. इसके साथ-साथ भारी जुर्माने का भी प्रावधान है, क्योंकि कर्नाटक में जो नए मामले आ रहें है उनमें से 60 फीसदी से ज़्याद सिर्फ बेंगलुरु से ही हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में बेंगलुरु देश के उन 10 शहरों में से एक है जहां कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. इसकी वजह भी है बाज़ार में भीड़, रैली और धरना प्रदर्शन. बता दें कि कहीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती हैं तो कहीं मास्क को ज़रूरी नही समझा जाता.
इसी महीने भीड़ की एक तस्वीर हुबली से आई जहां फिल्म के प्रमोशन में हीरो को देखने के लिए लोग उमड़े थे. इसके अलावा एक और तस्वीर मण्डया से सामने आयी, जो चेलो-रॉय स्वामी मंदिर वार्षिक उत्सव की है. इसमे खेल और युवा मामलों के मंत्री नारायण गौड़ा भी मौजूद है. हालात धीरे-धीरे बेकाबू होते जा रहे हैं, जहां पिछले तीन महीने से रोजाना 600 मामले सामने आ रहे थे, वहीं अब 2500 का आंकड़ा पार कर चुके हैं.
बीबीएमपी आयुक्त मंजूनाथ प्रसाद के मुताबिक शादी ब्याह और धार्मिक उत्सवों में बेलगाम भीड़ उमड़ती है जिससे हालात बिगड़े और हमने यह भी पाया है कि 70 फ़ीसदी मामले बेंगलुरु शहर में हाई राइज अपार्टमेंट से आए हैं जहां पार्टियां होती रहती हैं.
बिगड़ते हालात के मद्देनजर अब सरकार ने कुछ कड़े कदम उठाने का फैसला किया है. सरकार के फैसले के मुताबिक एक अप्रैल से बेंगलुरू आना है तो आरटीपीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट ज़रूरी है. पंजाब, चंडीगढ़, महाराष्ट्र और केरल से कर्नाटक आने पर RTPCR की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है. इसके साथ ही वातानूकूलित जगहों पर मास्क सोशल डिस्टेंसिंग और संख्या का उलंघन करने पर 10 हज़ार रुपये का जुर्माना और मुकदमा होगा, जबकि गैर वातानुकूलित जगहों पर जुर्माने की रकम 5 हज़ार रुपए है.
महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित देश के कई राज्यों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़े
निजी कोविड केयर हॉस्पिटल के डॉक्टर संतोष सकलेचा के मुताबिक दर्शन लोग लापरवाह हो गए हैं और कोरोना को लेकर बेफिक्र और इसीलिए मास्क नहीं पहनते हैं और मामला इतनी तेजी से बढ़ने लगा है. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए कागज पर की गई कार्रवाई और तैयारी में कोई कमी नहीं दिखती. कमी नज़र आती तो इसे लागू करने में, प्रशासन तब पीछे हट जाता है जब कोरोना के प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे लोगों की अगुवाई करते नेता मंत्री और रसूख वाले लोग दिखते हैं.
Video : भारत में फिर बेकाबू होता कोरोना, 60 फीसदी मामले अकेले महाराष्ट्र से