एक बार फिर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) वैक्सीन मैत्री के तहत विदेशों में वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) भेजना शुरू करेगा. अक्टूबर के आखिरी सप्ताह के बाद वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां विदेशों को वैक्सीन भेज सकेंगी. गौरतलब है कि विदेशों में वैक्सीन भेजने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले पर पाबंदी लगा दी थी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के पास जो भी सरप्लस वैक्सीन होगी उसको कोवैक्स प्रोग्राम के तहत दूसरे देशों को दिया जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया की अलग-अलग वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के माध्यम से अक्टूबर से भारत में 30 करोड़ खुराक से ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध होंगे.
बता दें कि भारत दुनिया में टीकों का सबसे बड़ा निर्माता है. भारत ने अप्रैल में अपनी आबादी को टीका लगाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए टीके के निर्यात को रोक दिया था. सरकार दिसंबर तक अपने सभी 94.4 करोड़ वयस्कों का टीकाकरण करना चाहती है और अब तक उनमें से 61 प्रतिशत को कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है.
टीकों के निर्यात की बहाली मंगलवार से शुरू होने वाले पीएम मोदी की वाशिंगटन यात्रा से पहले हुई है. जहां क्वाड देशों के नेताओं - संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शिखर सम्मेलन में टीकों पर चर्चा होने की संभावना है.
मंडाविया ने कहा, 'वैक्सीन मैत्री' के रूप में जाना जाने वाला नवीनीकृत निर्यात अभियान पहले पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देगा, यह कहते हुए कि अप्रैल के बाद से, देश का मासिक वैक्सीन उत्पादन दोगुने से अधिक हो गया है और अगले महीने 300 मिलियन से अधिक खुराक के लिए चौगुना होना तय है.
"पड़ोसी (देश) पहले," उन्होंने संवाददाताओं से कहा, केवल सरप्लस टीकों का निर्यात किया जाएगा. भारत ने निर्यात रुकने से पहले लगभग 100 देशों को 6.6 करोड़ खुराक दान की या बेचीं.
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