पुणे में कोरोना वायरस का कहर, अस्पतालों में बेड न मिलने से भटक रहे मरीज

सरकारी अस्पतालों में कोई बेड खाली नहीं, पुणे महानगरपालिका का वॉर रूम लोगों को बेड की जानकारी देने की कोशिश में जुटा

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प्रतीकात्मक फोटो.
पुणे:

Coronavirus: देश की वैक्सीन सिटी कहे जाने वाले पुणे (Pune) में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. देश में सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के आंकड़े पुणे से आ रहे हैं. अब तो हालात ऐसे हैं कि अस्पताल में जगह खाली नहीं है और लोगों को एक बेड के लिए कई अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. यह एक अजीब विडंबना है कि जिस जगह पर दुनिया का सबसे बड़ा टीका बनाने का यूनिट मौजूद है, वहीं पर कोरोना की मार सबसे ज़्यादा है. देशभर में जहां सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले पुणे से आ रहे हैं तो वहीं लोगों को अस्पताल में जगह मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

संजय नायर तीन दिनों से अपने रिश्तेदार के लिए ऑक्सीजन बेड ढूंढ रहे हैं और बड़ी मुश्किल से उन्हें तीन दिन बाद पुणे के जंबो सेंटर में जगह मिल पाई. संजय नायर ने कहा कि तीन दिन से ऑक्सीजन वाला बेड ढूंढ रहे हैं, लेकिन नहीं मिल रहा. आज बेड मिला मुश्किल से.

नायडू अस्पताल के मेडिकल सुप्रिंटेंडेंट सुधीर पाटसुते बताते हैं कि अस्पताल में एक भी बेड मौजूद नहीं है, लेकिन अगर उसके बाद भी गंभीर मरीज़ आते हैं तो उनके लिए कैजुअल्टी वार्ड में अस्थाई जगह बनाई गई है. सुधीर पाटसुते ने बताया कि अस्पताल में 160 बेड हैं और अभी भरे हैं. जो नए लोग हैं उन्हें काजुअल्टी में रख रहे हैं.

पुणे के आंकड़ों पर अगर नज़र डालें तो सोमवार को पुणे में 9621 मामले आए और 86 लोगों की मौत हुई. पुणे में एक लाख से ज़्यादा एक्टिव मामले हैं. 9834 ऑक्सीजन बेडों में से केवल 754 खाली हैं. 1762 ICU बेड में से 218 उपलब्ध हैं. 1131 वेंटिलेटर बेड में से केवल 25 उपलब्ध हैं. 

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पुणे महानगरपालिका ने एक वॉर रूम की शुरुआत की है जो बेड दिलाने में लोगों की सहायता कर रहा है. वॉर रूम का कहना है कि अधिकांश फोन ICU और वेंटिलेटर के लिए किए जाते हैं.

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