देशभर में कोरोनावायरस के चलते हालात बेकाबू हैं. कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है. अस्पतालों में बेड और दवाइयों की कमी से मरीज़ जूझ रहे हैं, तो वहीं ऑक्सीजन की किल्लत से कई कोरोना मरीज़ दम तोड़ चुके हैं. कोरोना की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब हल्के और बिना लक्षण वाले कोरोना के मरीजों के लिए होम आइसोलेशन को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी की हैं.
केंद्र सरकार ने जारी कीं ये गाइडलाइन्स
- गाइडलाइन्स में कहा गया है कि जो मरीज HIV, कैंसर और ट्रांसप्लांट जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए होम आइसोलेशन के लिए डॉक्टर की अनुमति लेना जरूरी होगी.
- वहीं, जो मरीज 60 साल से ऊपर हैं और जो पहले से कई बीमारियों से पीड़ित हैं, उनको भी होम आइसोलेशन के लिए डॉक्टर की अनुमति लेनी होगी.
- इसके अलावा जो मरीज की देखभाल करेंगे और उनके करीब रहेंगे, उनको डॉक्टर की सलाह पर प्रोटोकॉल के हिसाब से HCQ लेना होगा.
- गाइडलाइन्स के अनुसार, कोरोना संक्रमित मरीज़ को एक अलग कमरे में रहना होगा, जहां क्रॉस वेंटिलेशन हो और खिड़कियां खुली रहेंगी.
- मरीज़ को ट्रिपल लेयर मास्क पहनना होगा और हर 8 घंटे में मास्क बदलना होगा.
- मरीज की देखभाल करने वाले लोग जिस समय कमरे में एंट्री करेंगे, उस दौरान मरीज को और देखभाल करने वाले को N95 मास्क पहनना है.
- मास्क बदलना है तो उसे 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट के साथ मास्क को डिसइनफेक्ट करने के बाद ही फेकना होगा.
- मरीज को ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए और लिक्विड लेते रहना लेना चाहिए.
- ब्लड ऑक्सीजन सेचुरेशन को मॉनिटर करने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल करना जरूरी है.
- रोजाना हर 4 घन्टे पर तापमान की जांच करना जरूरी है.
- पेशेंट को दिन में दो बार गर्म पानी से गरारे करने चाहिए और स्टीम लेने की सलाह दी गई है.
- सांस लेने में तकलीफ हो, ऑक्सीजन सेचुरेशन 94% के नीचे हो, सीने में दर्द हो, भ्रम की स्थिति हो तो डॉक्टर की सलाह लें.
- लक्षण आने के कम से कम दस दिन बाद होम आइसोलेशन खत्म किया जा सकता है, वो भी उस स्थिति में जब लगातार तीन दिन तक बुखार न आए.
- होम आइसोलेशन खत्म होने के बाद टेस्ट की जरूरत नहीं है.
हल्के लक्षण वाले मरीज़ों के लिए आयुष 64 दवा फायदेमंद
कोरोना के हल्के और बिना लक्षण वाले कोविड मरीजों के लिए आयुष 64 दवा फायदेमंद है. आयुष मंत्रालय के मुताबिक, हल्के और बिना लक्षण के कोविड मरीजों के इलाज में यह दवा काफी फायदेमंद है.
आयुष मंत्रालय ने सीएसआईआर, आईसीएमआर की निगरानी में आयुष 64 दवा का देश के अलग-अलग अस्पतालों में मरीजों पर अध्ययन किया है. स्टडी में पाया गया है कि मरीजों की रिकवरी जल्दी हुई है.
नेशनल क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में ये दवा शामिल है. आयुष 64 दवा कोविड बीमारी से लड़ने में काफी सुरक्षित और कारगर है. इस दवा को लेकर तीन जगहों- लखनऊ,वर्धा और मुंबई में ट्रायल हुआ था. आयुष 64 मलेरिया के मरीजों को दी जाती रही है.