भारत में कोरोना के नए वेरिएंट निम्बस की दस्तक, विशेषज्ञों की सलाह- घबराने की जरूरत नहीं

एनआईवी के निदेशक डॉ नवीन कुमार ने कहा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय स्थिति पर निरंतर निगरानी रखा रहा है. सभी वेरिएंट्स की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट जीआईएसएआईडी पर उपलब्ध कराई जा रही है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
कोरोना के नए वेरिएंट निम्बस से लोगों को घबराने की ज़रूरत नहीं.
नई दिल्ली:

अमेरिका, सिंगापुर और हांगकांग के बाद अब भारत में भी कोरोना का नया वेरिएंट निम्बस (एनबी.1.8.1) पाया गया है. लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है. भारतीय वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के मौजूदा हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं. साल 2020 से अब तक कोरोना वायरस के कई स्वरूप सामने आए हैं. लेकिन भारतीयों की इम्युनिटी के आगे कमजोर साबित हो रहे हैं. आईसीएमआर-एनआईवी पुणे के निदेशक डॉ. नवीन कुमार ने कहा है कि नया वेरिएंट अधिक खतरनाक नहीं है, और अब तक की निगरानी से कोई चिंता का कारण नहीं दिखता. उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं बताई है.

एनआईवी के निदेशक डॉ नवीन कुमार ने बताया कि इस समय देश की 73 वायरोलॉजी प्रयोगशाला से सैंपल जांच के लिए आ रहे हैं. आरटी पीसीआर पॉजिटिव नमूनों की जीनोम सीक्वेसिंग के जरिए एनआईवी लगातार कोरोना वायरस के स्वरूप में हो रहे परिवर्तनों पर नजर रखे हुए है. उन्होंने बताया कि एनआईवी पुणे वर्तमान में इन नए वेरिएंट्स का वायरस आइसोलेशन कर रहा है. ताकि यह मूल्यांकन किया जा सके कि मौजूदा टीके इन पर कितने असरदार हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में दो मोनोवेलेंट ओमिक्रॉन आधारित टीका उपलब्ध हैं जिनमें से एक बायोलॉजिकल ई लिमिटेड कंपनी का कोरबिवैक्स और सीरम कंपनी का कोवोवैक्स टीका उपलब्ध है. 

स्वास्थ्य मंत्रालय की स्थिति पर नजर

डॉ नवीन कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है. सभी वेरिएंट्स की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट जीआईएसएआईडी पर उपलब्ध कराई जा रही है.

पुणे- चेन्नई में मिले निम्बस के मामले 

जानकारी के अनुसार, पुणे और चेन्नई में एक एक मरीज सामने आया है जिनमें निम्बस वेरिएंट का पता चला है. पुणे स्थित आईसीएमआर के एनआईवी ने जीनोम सीक्वेसिंग में इसकी पुष्टि की है. भारत में अब तक इस वेरिएंट के केवल दो मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से एक चेन्नई से और एक पुणे से. दोनों मामलों में लक्षण मध्यम स्तर के पाए गए हैं.

कोरोना के मामलों में क्यों बढ़े?

आईसीएमआर के पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने जारी ताजा जीनोमिक विश्लेषण में बताया कि अप्रैल 2025 के दूसरे सप्ताह से कोविड-19 के मामलों में आई तेजी के पीछे ओमिक्रॉन के उप स्वरूप जेएन.1.16 का हाथ था, जिसे अब एक्सएफजी (एसएफ.7 और एलपी.81.2) नामक नया पुनः संयोजित वेरिएंट पीछे छोड़ चुका है.

Featured Video Of The Day
Nepal Political Crisis: सरकार घिरी आंदोलन से, क्या युवा बदलेंगे सत्ता? | Dekh Raha Hai India | Gen Z