SOP on Coronavirus Vaccine : कोरोना वैक्सीन पर केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को ऑपरेशनल गाइडलाइंस (SoP) जारी कर दी है, इसके मुताबिक एक वैक्सीनशन साइट पर एक सत्र (एक दिन) में अधिकतम 100 लाभार्थियों को वैक्सीन देने की उम्मीद है. लेकिन अगर किसी वैक्सीनेशन साइट पर पर्याप्त लॉजिस्टिक और वेटिंग रूम, ऑब्जरवेशन रूम के साथ क्राउड मैनेजमेंट की सुविधा भी है, तो एक और वैक्सीनेटर ऑफिसर जोड़कर 200 लोगों के लिए दिन में वैक्सीनेशन सत्र किया जा सकता है. यानी 1 दिन में वैसे तो 100 लोगों को ही टीका लगाया जाना चाहिए, लेकिन अगर पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं तो 200 लोगों तक को टीका लगाया जा सकता है.
इसके अलावा अगर किसी सूरत में 200 से ज्यादा लोगों को एक सत्र के अंदर टीका लगाया जाना तय किया जा रहा है तो 5 लोगों की पूरी टीम अलग से तैनात करनी होगी. जिनमें एक वैक्सीनेटर ऑफिसर और चार वैक्सीनेशन ऑफिसर शामिल होंगे.
फेज-1 की प्लानिंग में कुल 30 करोड़ लोगों के लिए
कोरोना वैक्सीन सबसे पहले 1 करोड़ हेल्थ केयर वर्कर, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर और 50 वर्ष से अधिक उम्र के 26 करोड़ लोगों को दी जाएगी. इसके बाद 50 वर्ष से कम उम्र के 1 करोड़ उन लोगों को वैक्सीन दी जाएगी जो किसी पुराने गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं.
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इसके बाद बाकी आबादी को वैक्सीन इस बीमारी के फैलाव और उपलब्धता के आधार पर दी जाएगी. लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में तैयार की गई वोटर लिस्ट के आधार पर 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों की पहचान की जाएगी
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए लाभार्थियों को किया जाएगा ट्रैक
Co-WIN नाम के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए लाभार्थियों को ट्रैक किया जाएगा. इस प्लेटफार्म पर सभी जानकारी रियल टाइम में अपडेट की जाएंगी. वैक्सीनशन साइट पर केवल उन्हीं लाभार्थियों को टीका लगाया जाएगा जो प्राथमिकता के आधार पर पहले ही रजिस्टर्ड हो चुके हैं.
ऐसा नहीं होगा कि कोई व्यक्ति तुरंत वैक्सीनेशन साइट पर पहुंचकर अपना रजिस्ट्रेशन कराए और टीका लगवा ले. राज्यों को कहा गया है कि वह सत्रों के हिसाब से वैक्सीनेशन की प्लानिंग करें. एक सत्र में 100 लाभार्थियों को ही टीका लगाएं और वैक्सीनेशन प्रक्रिया चुनाव प्रक्रिया की तरह ही चलाई जाए.
एक वैक्सीनेशन टीम में 5 सदस्य होंगे
1. वैक्सीनेटर ऑफिसर- डॉक्टर/नर्स/फार्मासिस्ट
2. वैक्सीनेशन ऑफिसर 1- ( पुलिस होमगार्ड या सिविल डिफेंस का व्यक्ति) जो लाभार्थी के रजिस्ट्रेशन की स्थिति देखेगा
3. वैक्सीनेशन ऑफिसर 2- यह दस्तावेज की जांच को प्रमाणित करेगा
4. वैक्सीनेशन ऑफिसर 3 और 4- यह दो सपोर्ट स्टाफ भीड़ आदि का प्रबंधन करेंगे
कोरोना वैक्सीन ड्राइव के दौरान वैक्सीन और टीकाकरण कार्यक्रम में भरोसा बना रहे इसलिए राज्यों को कहा गया है कि वो जल्द से जल्द एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन यानि टीका लगने के बाद होने वाली प्रतिकूल घटनाओं का पता लगाएं और उस पर कार्रवाई करें. क्योंकि वैक्सीन नई है और कम समय में बहुत से लोगों को वैक्सीन देनी है इसलिए ऐसा करना अहम होगा.
23 अलग-अलग मंत्रालय मिलकर वैक्सीन के काम मे लगे
केंद्र सरकार के 23 अलग-अलग मंत्रालय मिलकर वैक्सीन के काम मे लगे हुए हैं. टीकाकरण कार्यक्रम सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक चलेगा. लाभार्थी यानी जिन को टीका लगाया जाना निश्चित किया गया है उनको अलग अलग समय पर बुलाया जाएगा जिससे की भीड़ भाड़ ना हो
- एक वैक्सीनेशन साइट में तीन कमरे/एरिया होने चाहिए
1. वेटिंग रूम या एरिया
2. वैक्सीनेशन रूम
3. ऑब्जर्वेशन रूम
ऑब्जर्वेशन रूम यानी वह जगह जहां पर टीका लगवाने के बाद लाभार्थी को 30 मिनट इंतजार करना होगा. इस कमरे में पीने के पानी और टॉयलेट की सुविधा रखने के निर्देश दिए गए हैं. टीका लगने के बाद 30 मिनट का इंतजार इसलिए करना जरूरी है ताकि यह देखा जा सके कि कहीं कोई प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं पड़ रहा.