Covid-19 Pandemic: कोराना संकट के बीच महानगर मुंबई में बीते 15 दिनों में मौतों की संख्या में 84% बढ़ोत्तरी हुई है. शहर में 98% वेंटिलेटर और 97% ICU बेड फ़ुल हैं. सोशल मीडिया ICU बेड की अर्ज़ियों से पटा पड़ा है. हालत यह है कि ज़मीन पर मदद पहुंचा रहे फ़रिश्ते भी पस्त और लाचार हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था भारी दबाव झेल रही है. शहर के 98.56% वेंटिलेटर बेड भरे हैं, 97.67% ICU बेड फ़ुल हैं जबकि 88.67% ऑक्सीजन बेड भी भर चुके हैं. यह तो BMC का आँकड़ा है, लोगों की गुहार और सोशल मीडिया पर ICU बेड की अर्ज़ियों की बाढ़ देखें तो ज़मीनी हालत पता चलती है. राजेश पंजाबी बताते हैं, '70 साल के मरीज़ के लिए वेंटिलेटर बेड की ज़रूरत थी, मैंने BMC हेल्पलाइन पर कॉल किया इसके साथ ही अलग-अलग NGO, दोस्तों से मदद भी मांगी. जहां भी संपर्क कर रहे थे, वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी. एक जगह बात हुई भी तो वहां का वेंटिलेटर पॉर्टबल था और काम ढंग से नहीं कर रहा था. तीन दिनों तक हम तलाशते रहे लेकिन बेड नहीं मिला, फ़ाइनली उनकी हालत में खुद से धीरे धीरे सुधार हुआ.'
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मुंबई जैसे शहर में अगर वेंटिलेटर बेड मिलना इतना चैलेंजिंग है तो हालात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. आप के वॉलेंटियर रत्नाभ मुखर्जी दिन-रात बेड की गुहार वाले ऐसे 1500 कॉल अटेंड करते हैं. वे बीएमसी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. रत्नाभ बताते हैं, 'कोविड बेड दिलवाने में लोगों की मदद के लिए BMC के साथ कोऑर्डिनेट करके काम कर रहे हैं. पीक की शुरुआत से 1500 कॉल आते हैं जिसमें से क़रीब 50 कॉल ICU और वेंटिलेटर के लिए मिल रहे हैं. लेकिन जैसे जैसे समय आगे बीत रहा है हमें बेड दिलवाना बहुत मुश्किल हो गया है.
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' शाहनवाज़ शेख़ भी मुंबई के मालाड में एक वॉररूम चलाते हैं, उनके पास भी इस समय बेड के लिए दिन में सैकड़ों कॉल आते हैं, लेकिन मदद नहीं कर पा रहे. 'ऑक्सीजन मैन' शाहनवाज़ कहते हैं, 'ICU वेंटिलेटर के लिए बहुत कॉल आ रहे हैं, कल एक मरीज़ को लेकर 18 अस्पताल के चक्कर परिजन ने लगाए लेकिन ICU बेड नहीं मिल पाया, मरीज़ ने दम तोड़ दिया.''हालांकि बीएमसी के टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ भंसाली बताते हैं कि वॉर्डवॉर रूम से सभी को समय पर बेड मिल रही है. वे कहते हैं, 'लोग एक बेड के कई लोगों से कॉल करवाते हैं, कई संस्थाओं से एक मरीज़ के लिए 25-50 कॉल आते हैं. ऐसा मत करिए. हर वॉर्ड के वॉर रूम से बेड अलॉट हो रही है.सिस्टम फ़ॉलो करिए, वे बिल्कुल आपको अरेंज करवा कर देंगे.' मुंबई में 15 अप्रैल से अब तक 801 मौतें हुई हैं, वहीं 1 अप्रैल से 14 अप्रैल तक 436 लोगों को जान गंवानी पड़ी है यानी बीते 15 दिनों में मुंबई में हुई मौतों में 84% बढ़ोतरी हुई है.मौतों का एक बड़ा कारण समय पर ICU-वेंटिलेटर बेड नहीं मिल पाना भी माना जा रहा है.
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