नई दिल्ली: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि वित्त वर्ष 2027-28 तक भारतीय अर्थव्यवस्था के पांच लाख करोड़ डॉलर होने के अनुमानों के बीच आर्थिक गतिविधियों में सहकारी क्षेत्र की बड़ी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है.
अमित शाह ने दक्षिण दिल्ली के नौरोजी नगर स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में 'केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार' (सीआरसीएस) के नए कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कहा कि पिछले 75 वर्षों में सहकारिता आंदोलन का मनचाही रफ्तार से विकास नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से सहकारी समितियों की कामयाबी की कुछ कहानियां हैं लेकिन यह क्षेत्र तेज गति से विकसित नहीं हो पाया.
उन्होंने कहा, ‘‘अब हमने तय कर लिया है कि मोदीजी की पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था में सहकारी समितियों की बड़ी हिस्सेदारी होगी और सहकारी क्षेत्र 19वीं सदी से सीधे 21वीं सदी में आगे बढ़ेगा.''
शाह ने कहा कि सरकार ने सहकारी आंदोलन के विकास के लिए पिछले 30 महीनों में 60 प्रमुख पहल की हैं. सरकार ने जुलाई, 2021 में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया.
उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए सरकार ने बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (एमएससीएस) अधिनियम में संशोधन किया है. पैक्स (प्राथमिक कृषि ऋण समितियों) को मजबूत करने के लिए मॉडल उपनियम लाए गए हैं और पैक्स का कम्प्यूटरीकरण करने की योजना भी बनाई गई है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने अगले पांच वर्षों में दो लाख बहुउद्देशीय पैक्स/ डेयरी/ मत्स्य सहकारी समितियां स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि 12,000 नई पैक्स समितियां बनाई जा चुकी हैं.
शाह ने इफको के नैनो तरल यूरिया और नैनो तरल डीएपी की मांग आने वाले वर्षों में बढ़ने की उम्मीद जताते हुए कहा कि पैक्स समितियां किसानों को नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का छिड़काव करने के लिए ड्रोन उपलब्ध करा रही हैं.
मंत्री ने सहकारी क्षेत्र में और अधिक बैंक खोलने की जरूरत बतायी और बहु-राज्य क्रेडिट समितियों से खुद को बैंकों में बदलने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि एसएससीएस का पंजीकरण वर्ष 2023 में 102 हो गया जो वर्ष 2020 की संख्या 10 से 10 गुना अधिक है.
शाह ने कहा कि 41,000 वर्ग फुट में फैले सीआरसीएस कार्यालय का अधिग्रहण 175 करोड़ रुपये में किया गया है. इस इमारत का विकास सरकारी स्वामित्व वाली एनबीसीसी ने किया है. सीआरसीएस कार्यालय एक वैधानिक निकाय है जो एमएससीएस के पंजीकरण और अन्य प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेदार है. यह कार्यालय एमएससीएस के प्रबंधन, पंजीकरण, वार्षिक फाइलिंग और अन्य नियामक प्रक्रियाओं की देखभाल करता है.
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