कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के परिसर की दीवारों पर 'आजाद कश्मीर' और 'फ्री फलस्तीन' लिखा हुआ देखे जाने पर विवाद उत्पन्न हो गया. हालांकि, विश्वविद्यालय में सोमवार को अधिकांश कक्षाएं और परीक्षाएं तय कार्यक्रम के अनुसार ही हुईं. इसके साथ ही, 'सादा कपड़ों में पुलिसकर्मियों' के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश को लेकर भी छात्रों और शिक्षकों में नाराजगी देखी गई. यह घटना उस समय हुई जब सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े एक प्रोफेसर भी विश्वविद्यालय पहुंचे थे.
जादवपुर विश्वविद्यालय में पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां एक मार्च को वामपंथी विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु की कार और उनके साथ चल रहे एक अन्य वाहन से कथित तौर पर टक्कर लगने से दो छात्र घायल हो गए थे. विश्वविद्यालय के गेट नंबर तीन के पास एक दीवार पर काले रंग से 'आजाद कश्मीर' और 'फ्री फलस्तीन' लिखा देखा गया, लेकिन यह पता नहीं चल पाया कि इसके पीछे किस व्यक्ति या किस संगठन का हाथ है.
जेयू की तृणमूल छात्र परिषद इकाई के अध्यक्ष किशलय रॉय ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'कुछ अति वामपंथी छात्र संगठन इसके पीछे हैं और अगर कोई विशाल परिसर के अंदर जाए तो उसे दीवारों पर इस तरह के और भी नारे लिखे मिल सकते हैं.'
एसएफआई की जेयू इकाई के नेता अभिनबा बसु ने कहा, 'हम अलगाववादी विचारों का समर्थन नहीं करते हैं, हालांकि हम भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों के दमन के खिलाफ हैं.' उन्होंने कहा कि माकपा की छात्र शाखा एसएफआई का फलस्तीन मुद्दे पर स्पष्ट रुख है.
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