केदारघाटी में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. केदारनाथ में रविवार को आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. इसके बाद हेलीकॉप्टर सर्विस देने वाली कंपनी आर्यन एविएशन के प्रबंधक और एकांटेबल मैनेजर के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा SOP की अनदेखी और दायित्वों के प्रति लापरवाही करने के आरोप में यह मुकदमा दर्ज किया गया है. उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू को अभी 47 दिन हुए हैं, लेकिन 5 हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो चुके हैं. लगातार हो रहे हादसे के बाद DCGA ने रिव्यू मीटिंग ली और राज्य में इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर बनाने का फैसला किया है.
केदारनाथ में रविवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सात लोगों की जान चली गई. इसकी वजह खराब मौसम बताया जा रहा है. लेकिन केदारनाथ में इस तरह की दुर्घटना पहली बार नहीं हुई है. बीते 14 सालों में 13 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 41 लोगों की मौत हो चुकी है. लगातार हो रही इन दुर्घटनाओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काफी सख्त दिखे.
दुर्घटना के बाद धामी ने क्या कहा?
पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर कहा, "शासकीय आवास पर बैठक के दौरान अधिकारियों को सोमवार तक चारधाम के लिए हेली सेवा पूर्ण रूप से बंद रखने व पायलटों के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उड़ान अनुभवों की जांच समेत सभी हेली ऑपरेटरों के साथ बैठक के बाद ही पुनः हेली सेवा को सुचारु करने के निर्देश दिए. साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त SOP तैयार करें और हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय व सुरक्षित संचालन के लिए देहरादून में कॉमन कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर स्थापित हो जिसमें डीजीसीए, आपदा विभाग, सिविल एविएशन, यूकाडा, हेली ऑपरेटर कम्पनी के अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए."
साथ ही कहा, "बैठक के दौरान रुद्रप्रयाग में दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के संबध में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए. जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उन्हें चिन्हित कर दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी. जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग को दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से संपर्क कर उनके पार्थिव शरीर को संबंधित राज्यों में भेजने की समुचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए."
हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के पीछे क्या है कारण?
- चारधाम में उड़ने वाले हेलीकॉप्टर सिंगल इंजन के हैं.
- दुर्गम और अतिसंवदेनशील पहाड़ियों में हेलीकॉप्टर को उड़ान भरनी पड़ी है.
- मौसम खराब होना भी दुर्घटना का बड़ा कारण बनता है.
- बिजनेस के लिए लगातर हेलीकॉप्टर उड़ाए जाते हैं.
- SOP का पालन नहीं किया जाता है.
- हेलीकॉप्टर की मेंटिनेंस भी नहीं के बराबर होती है.
लगातार दुर्घटनाओं से डीजीसीए और सरकार सख्त
हेलीकॉप्टर की हो रही लगातार दुर्घटनाओं के बाद डीजीसीए और राज्य सरकार सख्त हुई है. राज्य में हेलीकॉप्टर सेवाओं और उड़ान के लिए जल्द देहरादून में इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर बनाया जाएगा.
उत्तराखंड में लगातार होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता था, अगर नियमों का कागजों की जगह कड़ाई से पालन करवाया जाता. ऐसे में सवाल न सिर्फ हेलीकॉप्टर कंपनियों पर है, बल्कि नियम बनाने वालों से भी पूछा जा रहा है.