बिना एक पैसा खर्च किये चुनाव लड़ना अपने आप में जीत है: मणिपुर की पूर्व पुलिसकर्मी

यासीकुल सीट से भाजपा के सत्यव्रत से हार गयीं जदयू प्रत्याशी ने यह भी कहा कि वह उन लोगों की जरूरतों पर गौर करने के लिए एक ‘परिषद’ बनायेंगी जिन्हें सरकारी सहायता की सबसे अधिक जरूरत है.

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बृंदा को मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने कार्रवाई में उनकी भूमिका को लेकर पुलिस पदक प्रदान किया था.
इंफाल:

मणिपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रतिद्वंद्वी से हार गयीं पूर्व पुलिस अधिकारी थॉनाओजाम बृंदा ने कहा है कि ‘बिना एक पैसा खर्च किये' चुनाव लड़ना ही अपने आप में एक ‘बड़ी जीत' है. बृंदा ने दावा किया कि वह राज्य के इतिहास में पहली व्यक्ति हैं जो बिना कोई खर्च किये विधानसभा चुनाव लड़ीं.

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं चुनाव हार गयी लेकिन यह अस्थायी रूप से पीछे हटना भर है. मैं लोगों के अधिकारों एवं अवसरों के बारे में अपने चुनावी वादों को पूरा अवश्य करूंगीं.'' यासीकुल सीट से भाजपा के सत्यव्रत से हार गयीं जदयू प्रत्याशी ने यह भी कहा कि वह उन लोगों की जरूरतों पर गौर करने के लिए एक ‘परिषद' बनायेंगी जिन्हें सरकारी सहायता की सबसे अधिक जरूरत है.

बृंदा तब सुर्खियों में आयी थीं जब उन्होंने जून, 2018 में एक हाईप्रोफाइल मादक पदार्थ तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया था एवं चांदेल स्वायत्त जिला परिषद के अध्यक्ष लुखोसी जोउ और सात अन्य की गिरफ्तारी हुई थी. बृंदा को मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने कार्रवाई में उनकी भूमिका को लेकर पुलिस पदक प्रदान किया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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