रोहिंग्या के मुद्दे पर दिल्ली में राजनीति तेज हो गयी है. केंद्र और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के बीच टकराव बढ़ने की संभावना है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि 'केंद्र सरकार सुबह सुबह जिस खबर को अपनी उपलब्धि बताती नहीं थक रही थी, आम आदमी पार्टी द्वारा विरोध किए जाने पर , अब इसकी ज़िम्मेदारी दिल्ली सरकार पर डालने लगी है. जबकि हक़ीक़त है कि केंद्र सरकार चोरी छुपे रोहिंग्याओं को दिल्ली में स्थाई ठिकाना देने की कोशिश कर रही थी.' 'केंद्र सरकार के इशारे पर LG के कहने पर ही अफ़सरों और पुलिस ने निर्णय लिए थे. जिन्हें बिना मुख्यमंत्री या गृहमंत्री, दिल्ली को दिखाए LG की मंज़ूरी के लिए भेजा जा रहा था. दिल्ली सरकार अवैध रूप से रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाने की इस साज़िश को कामयाब नहीं होने देगी.'
इधर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उसने दिल्ली में रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी के फ्लैट उपलब्ध कराने का कोई निर्देश नहीं दिया है. साथ ही मंत्रालय ने अरविंद केजरीवाल सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अवैध विदेशियों को उनके वर्तमान स्थान पर ही रखा जाए.गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि अवैध विदेशी रोहिंग्याओं को कानून के अनुसार उनके देश वापस भेजने तक निरुद्ध केंद्रों में रखा जाना चाहिए और दिल्ली सरकार को उनके ठहरने के वर्तमान स्थल को निरुद्ध केंद्र घोषित करने का निर्देश दिया गया है.
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