जनता के साथ कांग्रेस के संबंधों की डोर कमजोर होने को स्वीकार करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रविवार को पार्टी के नेताओं से जनता के बीच जाने का आह्वान करते हुए कहा कि देश के लोगों के साथ पार्टी का जो संपर्क टूट गया है और उसे फिर से जोड़ना होगा. उन्होंने पार्टी के चिंतन शिविर के दौरान अपने संबोधन में यह भी कहा कि आगामी अक्टूबर महीने में पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे और उनके मुद्दों को समझेंगे. राहुल गांधी ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र की मौजूदा सरकार में प्रदेशों और जनता को संवाद करने की अनुमति नहीं दी जा रही है.
चिंतन शिविर के दौरान हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैं अपने आप से यह सवाल पूछ रहा था कि कौन सी राजनीतिक पार्टी इस तरह के संवाद की अनुमति देती है? एक ऐसा संवाद हुआ जिसमें सबसे वरिष्ठ नेतृत्व को खुलकर और बेझिझक यह बताया गया कि कांग्रेस पार्टी क्या महसूस करती है.'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस संवाद का मंच प्रदान करती है जो भाजपा, आरएसएस और क्षेत्रीय पार्टियों में संभव नहीं है क्योंकि देश के लोगों के बीच संवाद कांग्रेस के डीएनए में है.
राहुल गांधी ने युवाओं को पूरा मौका देने का आह्वान करते हुए है कि संगठन में अनुभवी और युवा नेताओं का संतुलन बनाना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी शिकायत है, हमारा पूरा का पूरा डिस्कशन, पूरी की पूरी बातचीत अपने आंतरिक मामले पर होती है. कौन सा पद किसको मिल रहा है, इस पर हमारा ध्यान रहता है. हमारा ध्यान बाहर की ओर होना पड़ेगा. जनता की ओर हमें देखना पड़ेगा, जनता के पास हमें जाना पड़ेगा.''
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ चाहे हमारे वरिष्ठ नेता हों, जूनियर नेता हों, कार्यकर्ता हों, हमें बिना सोचे जनता के बीच जाकर बैठ जाना चाहिए, जो उनकी समस्याएं हैं, उनको समझना चाहिए. जनता के साथ हमारा संबंध होता था, वो टूट गया, उसको हमें स्वीकार करना पड़ेगा. उस संबंध को हमें फिर से बनाना पड़ेगा.'' उनका कहना था कि जनता समझती है कि कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है और यही कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है.
उन्होंने पार्टी में ‘एक परिवार, एक टिकट' फार्मूला लागू होने का उल्लेख करते हुए कहा कि संगठन में काम करने वाले एक परिवार के लोगों की संख्या तय की जानी चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं पैदा हो कि संगठन में एक ही परिवार के 5-7 लोग हों.
उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आरएसएस और भाजपा की विचारधारा देश के सामने एक खतरा है। मेरी लड़ाई उस विचारधारा से है. यह मेरे लिए मेरी जिंदगी की लड़ाई है. मैं इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हूं कि हमारे प्यारे देश में इतनी नफरत, इतना क्रोध और हिंसा फैल सकती है.''
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘मैं इन शक्तियों से डरता नहीं हूं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी में कोई भ्रष्टाचार नहीं किया, मैंने एक रुपया नहीं लिया, मुझे कोई डर नहीं है.''
राहुल गांधी ने यह दावा भी किया कि कोई भी क्षेत्रीय दल भाजपा को नहीं हरा सकता. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी मीडिया रणनीति पर नए सिरे से तय करेगी.
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