कांग्रेस ने ट्विटर को चिट्ठी लिख केन्द्र के 11 मंत्रियों के ट्वीट्स को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' करार देने की मांग की

इन मंत्रियों में गिरिराज सिंह, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, प्रहलाद जोशी, धर्मेंद्र प्रधान, रमेश पोखरियाल, थावरचंद गहलोत, हर्षवर्धन, मुख़्तार अब्बास नक़वी और गजेन्द्र सिंह शेखावत के नाम शामिल हैं.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्ली:

कांग्रेस पार्टी ने ट्विटर को चिट्ठी लिखकर केंद्र सरकार के 11 मंत्रियों के ट्वीट्स को मैनुपुलेटिड मीडिया करार देने की मांग की;है, इन मंत्रियों में गिरिराज सिंह, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, प्रहलाद जोशी, धर्मेंद्र प्रधान, रमेश पोखरियाल, थावरचंद गहलोत, हर्षवर्धन, मुख़्तार अब्बास नक़वी और गजेन्द्र सिंह शेखावत के नाम शामिल हैं. कांग्रेस का कहना है कि ये सभी ट्विटर प्लेटफ़ार्म का ग़लत इस्तेमाल कर फ़र्ज़ी टूलकिट के ज़रिए कांग्रेस के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार कर रहे हैं, इन सबों के संबंधित ट्वीट के लिंक भी इस पत्र के साथ संलग्न किया गया है. पत्र में ट्विटर के साथ इस बाबत पहले हुए पत्राचार का हवाला देते हुए लिखा गया है कि ट्विटर ने ट्वीट्स के जो यूआरएल मांगे थे, वे दिए जा रहे हैं.

शशि थरूर के खिलाफ BJP सांसद ने लोकसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी, सदस्यता रद्द करने की मांग की

गौरतलब है कि टूलकिट मामले को लेकर केंद्र सरकार, ट्विटर के समक्ष नाराजगी का इजहार कर चुकी है. केंद्र ने कथित तौर पर सरकार को बदनाम करने वाले टूलकिट पर टैग के लिए हेरफेर करके बनाए गए मीडिया टैग को लेकर ट्विटर से ऐतराज जताया था. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. सूत्रों के अनुसार, सरकार ने दोटूक लहजे में ट्विटर से कहा है कि यह मीडिया टैग हटा दे क्‍योंकि मामला अभी लंबित है.  सूत्रों के अनुसार, जांच ही सामग्री की सत्‍यता का निर्धारण करेगी न कि ट्विटर. इसके साथ ही सरकार ने ट्विटर से जांच की प्रक्रिया में दखल नहीं देने को कहा है. ट्विटर ऐसे समय अपना जजमेंट नहीं दे सकता जब मामला जांच के दायरे में है.ट्विटर पर इस तरह के कंटेट का होना इस सोशल मीडिया बेवसाइट की प्रतिष्‍ठा पर सवालिया निशान लगाता है.

Advertisement

क्या भारत में 2 दिन बाद फेसबुक-ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियां बंद हो जाएंगी?

Featured Video Of The Day
Child Marriage Free India: Uttarakhand के CM Pushkar Singh Dhami बाल विवाह के खिलाफ खड़े हैं
Topics mentioned in this article