किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहा- "किसानों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास"

जयराम रमेश ने कहा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी आज तक नहीं मिली है. किसानों के लिए बाज़ार को कमज़ोर करने का कार्य किया गया है.

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किसानों ने पंजाब से 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया है (FILE IMAGE)
नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के तहत अंबिकापुर मंडी में किसानों से संवाद किया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसकी जानकारी दी. जयराम रमेश ने कहा कि आज के दिन राहुल गांधी का ऐसा करना बिल्कुल उचित भी है. क्योंकि आज देश के किसान विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा के... तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेते समय दिए गए आश्वासनों के पूरा न होने के विरोध में नई दिल्ली तक मार्च कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों को परेशान करने और उन्हें उनके वैध अधिकारों का प्रयोग करने से रोकने के लिए जिन तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह बेहद अलोकतांत्रिक है और मोदी सरकार के किसान-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. 

"सरकार किसानों को उचित लागत मूल्य देने में विफल"

जयराम रमेश ने आगे कहा किसान आंदोलन के लिए कारण स्पष्ट हैं. चाहे वह पूंजीपतियों की मदद के लिए भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन करने की कोशिश हो अथवा तीन काले कृषि कानून लाना रहा हो. इन्होंने हर तरह से किसानों को नुक़सान पहुंचाने का प्रयास किया है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी भी आज तक नहीं मिली है. किसानों के लिए बाज़ार को कमज़ोर करने का कार्य किया गया है. यहां तक कि यह सरकार किसानों को उचित लागत मूल्य देने में भी विफल रही है. 2004-14 की अवधि में कांग्रेस सरकार के दौरान गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 126 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. अगर वर्तमान सरकार द्वारा किसानों को वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जाता तो आज उन्हें प्रति क्विंटल गेहूं का मूल्य 3277 रुपये मिल रहा होता ना कि मौजूदा समय में जो मिल रहा है 2275 रुपये.

जयराम रमेश ने कहा किसान ऋण के दुष्चक्र में फंसते जा रहे हैं. वर्ष 2013 से किसानों के ऊपर क़र्ज़ में 60 फीसदी बढ़ोतरी हुई है और इससे उनकी स्थिति बेहद ख़राब हो चुकी है. प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना के तहत बीमा करवाने वाले लाखों किसानों को उनके क्लेम के भुगतान में देरी की समस्या का सामना करना पड़ता है. सरकार के अपने ही आंकड़ों के मुताबिक़ '21-'22 में लगभग 2761 करोड़ रुपए के क्लेम लंबित थे.

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2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के बड़े-बड़े दावों और भाषणों की आड़ में अन्नदाताओं की वास्तविकता को छुपाने की कोशिश की गई. हक़ीक़त यह है कि किसान एक सम्मानजनक जीवन भी नहीं जी पा रहे हैं. वे क़र्ज़ में डूबे हैं और उन्हें उनकी फ़सलों के नुक़सान के लिए बीमा की राशि भी नहीं मिल रही है.

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दिल्ली को एक ‘पुलिस छावनी' में तब्दील कर रखा है: रणदीप सिंह

कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा  जब भी इतिहास लिखा जाएगा, तब मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल को किसानों के खिलाफ क्रूरता, बर्बरता, दमन और दंशकाल के रूप में जाना जाएगा. आज, भाजपा की केंद्र सरकार तथा हरियाणा-राजस्थान-उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों ने देश की राजधानी दिल्ली को एक ‘पुलिस छावनी' में तब्दील कर रखा है, जैसे कि किसी दुश्मन ने दिल्ली की सत्ता पर हमला बोल दिया हो. दिल्ली के चौतरफा, खासतौर हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर पर मंजर क्या है. सोनिपत में कुंडली और बहादुरगढ़ में टीकरी बॉर्डर पर सीमेंट के बैरिकेड, बड़े-बड़े बोल्डर, रोड-रोलर व कंटेनर्स लगा उन्हें सील कर दिया गया है. यही हाल यूपी और राजस्थान बॉर्डर का भी है.

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