कांग्रेस ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों का नाम अपनी भाषा में करने और इस राज्य को दक्षिण तिब्बत कहने संबंधी खबरों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘‘चुप्पी'' पर शुक्रवार को सवाल उठाया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीन के इस कदम संबंधी खबरों का जिक्र करते हुए ट्विटर पर कहा, ‘‘अभी कुछ दिनों पहले हम 1971 के युद्ध में भारत की गौरवपूर्ण जीत को याद कर रहे थे. देश की सुरक्षा और विजय के लिए सूझबूझ और मजबूत फैसलों की ज़रूरत होती है. खोखले जुमलों से जीत नहीं मिलती.''
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार को ‘‘कमजोर'' बताया और प्रधानमंत्री मोदी पर भारत की क्षेत्रीय अखंडता के लिए चीनी ‘‘खतरों'' पर ‘‘चुप्पी'' साधने का आरोप लगाया. सुरजेवाला ने ट्विटर पर कहा, ‘‘चीन अरुणाचल प्रदेश पर भारतीय संप्रभुता को चुनौती देने का दुस्साहस करेगा. चीन डेपसांग प्लेंज़ व गोगरा हॉट स्प्रिंग्स पर भारत की सरज़मीं पर क़ब्ज़ा कर लेगा. चीन अरुणाचल में गाँव बसा लेगा. पर मि॰56 इंच ‘‘चीन'' शब्द भी नहीं बोलेंगे!
अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग, नाम गढ़ लेने से यह तथ्य नहीं बदलेगा : विदेश मंत्रालय
कमजोर सरकार, मौन पीएम.'' ‘56 इंच का सीना' वाले तंज का इस्तेमाल 2014 के संसदीय चुनाव अभियान के दौरान मोदी के इस दावे के संदर्भ में किया जाता है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक मजबूत नीति अपनाएंगे.
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री कब चीन की कार्रवाई का मुकाबला करने के लिए मजबूत कदम उठाएंगे. वल्लभ ने पूछा, ‘‘क्या हमारी प्रतिक्रिया चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने तक सीमित होगी, जबकि भारत-चीन व्यापार 100 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया है.'' उन्होंने कहा कि सरकार को चीनी कदमों का कड़ा जवाब देना चाहिए और ऐसे हर कदम में कांग्रेस के समर्थन का आश्वासन दिया.
चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स' की खबर के अनुसार चीन ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में 15 और स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के नामों की घोषणा की है. चीन अरुणाचल प्रदेश के दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है.
भारत ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदलने के कदम को गुरुवार को स्पष्ट रूप से खारिज किया था और जोर देकर कहा था कि यह राज्य हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा क्योंकि ''गढ़े'' गए नामों से यह तथ्य नहीं बदलेगा.
"अरुणाचल भारत का अभिन्न हिस्सा": प्रदेश के 15 जगहों के नाम बदलने पर चीन को भारत का जवाब