मनरेगा मुद्दे को कैसे तूल देने में जुटी कांग्रेस! 'जी राम जी' बिल के खिलाफ 60 शहरों प्रेस कांफ्रेंस की तैयारी

कांग्रेस को लगता है कि जी राम जी बिल के रूप में उसे बड़ा सियासी मुद्दा मिल गया है.इससे पार्टी ग्रामीण इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट कर पाएगी.कांग्रेस मुख्य रूप से दो पहलुओं पर मोदी सरकार को घेर रही है. 

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जी राम जी बिल के खिलाफ देश भर में पीसी की तैयारी में कांग्रेस
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  • वीबी जी राम जी बिल मनरेगा योजना की जगह लेकर ग्रामीण रोजगार के लिए नई व्यवस्था लागू करता है
  • कांग्रेस इसे महात्मा गांधी के नाम की योजना का अपमान और मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीति मान रही है
  • नए बिल में केंद्र सरकार साठ प्रतिशत खर्च करेगी, जबकि मनरेगा में केंद्र सरकार अस्सी प्रतिशत खर्च करती थी
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नई दिल्ली:

ग्रामीण रोजगार के लिए अहम मनरेगा योजना की जगह लेने वाला वीबी जी राम जी बिल लोकसभा के बाद गुरुवार देर शाम राज्यसभा से भी पारित हो जाएगा. कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों ने संसद में इसका कड़ा विरोध किया. अब कांग्रेस इस मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन की तैयारी कर रही है. कांग्रेस नए बिल को महात्मा गांधी के अपमान और यूपीए सरकार द्वारा दी गई रोजगार गारंटी को खत्म करने की कोशिश के तौर पर पेश कर रही है. 

आंदोलन की रणनीति तैयार करने के लिए 28 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक बुलाई गई है. 29 दिसंबर को पार्टी स्थापना दिवस के मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ता देशभर में ब्लॉक स्तर पर गांधी जी की तस्वीर के साथ जी राम जी बिल के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करेगी. उससे पहले तीन दिनों यानी 19 से 21 दिसंबर तक कांग्रेस देश के साठ शहरों में इसके खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रही है. इस दौरान कांग्रेस नेता जीरामजी बिल के साथ–साथ नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार को मिली राहत का मुद्दा भी उठाएंगे. 

दरअसल, कांग्रेस को लगता है कि जी राम जी बिल के रूप में उसे बड़ा सियासी मुद्दा मिल गया है.इससे पार्टी ग्रामीण इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट कर पाएगी.कांग्रेस मुख्य रूप से दो पहलुओं पर मोदी सरकार को घेर रही है. 

गांधी की विरासत

महात्मा गांधी के नाम से चल रही रोजगार गारंटी योजना को बंद करने को कांग्रेस बापू का अपमान बता रही है. और वो अपनी इस बात को अब देश के हर कोने तक पहुंचाने में लगी है. 

राज्यों पर बोझ

नई योजना में साठ प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार और चालीस प्रतिशत राज्य सरकार देगी. जबकि मनरेगा में केंद्र सरकार अस्सी फीसदी देती थी. पहले योजना राज्य सरकारों की मांग पर आधारित थी लेकिन अब केंद्र सरकार पहले ही बजट तय कर देगी और उससे ऊपर का खर्च राज्यों को वहन करना होगा. कांग्रेस कह रही है कि केंद्र अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है. 

भारी हंगामे के बीच लोकसभा से बिल पास होने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि राज्य सरकारों के पास पैसा नहीं है, यह बिल गरीब और मज़दूर विरोधी है. वहीं, सुबह सभी विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में गांधी जी तस्वीर के साथ मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि इस बिल के खिलाफ कांग्रेस पार्टी संसद से सड़क तक पुरज़ोर विरोध करेगी. कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रही TMC गुरुवार को संसद में विपक्ष के प्रदर्शन में शामिल हुई. ऐसे भी जी राम जी बिल विपक्षी एकजुटता का एक जरिया भी बन सकता है. 

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