कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारण से पूछा कि क्या केंद्र सरकार का रातोंरात सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने के फैसले को वापस लेना का मामला 'चूक' (Oversight) है या फिर ऐसा चुनाव को देखते हुए किया गया है. गुरुवार सुबह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्विटर पर आदेश वापस लेने की जानकारी दी, इसके कुछ देर बाद ही प्रियंका गांधी ने उन पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया.
सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी, यानी जो दरें मार्च 2021 तक थीं. पहले दिया गया आदेश वापस लिया जाएगा.'' इसके साथ ही उन्होंने इसे 'चूक' भी करार दिया है. जिस पर प्रियंका गांधी ने निशाना साधते हुए ट्वीट किया है.
बता दें, छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी. यह कटौती एक अप्रैल से शुरू 2021-22 की पहली तिमाही के लिये की गयी थी.
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अन्य कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी वित्तमंत्री पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आपको वित्तमंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'वित्तमंत्री मैडम, आप 'सरकार' चला रही हैं या 'सर्कस'? अर्थव्यवस्था के हालात की कल्पना ही की जा सकती है, जब करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाला आदेश 'चूक' से जारी कर दिया जाता है...आदेश में जिस 'अधिकृत अधिकारी' का ज़िक्र है, वह कौन है? वित्तमंत्री के पद पर बने रहने का आपको नैतिक अधिकार नहीं बचा है.'
प्रियंका गांधी के अलावा टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन ने भी मजाक उड़ाया है. उन्होंने ट्वीट किया है, 'फिर मुंह की खानी पड़ी, क्योंकि मोदी-शाह चुनावी रैलियों में झूठे वादे कर मूर्ख दिवस के चुटकुले सुना रहे हैं
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया है, 'मैं आज बहुत दुःखी हूं. मुझे लगता था कि रोलबैक का एकाधिकार मेरे पास था, लेकिन इस सरकार ने तो मुझे भी मात दे दी. मज़दूर कानून, छोटी बचत योजना ब्याज दर जैसे कई उदाहरण हैं. रोलबैक मोदी.'
गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, पीपीएफ पर ब्याज 0.7 प्रतिशत कम कर 6.4 प्रतिशत जबकि एनएससी पर 0.9 प्रतिशत कम कर 5.9 प्रतिशत कर दी गयी थी. लघु बचत योजनाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती है. ब्याज में सर्वाधिक 1.1 प्रतिशत की कटौती एक साल की मियादी जमा राशि पर की गयी थी. इस पर ब्याज 5.5 प्रतिशत से कम करके 4.4 प्रतिशत करने का फैसला किया गया था. (इनपुट भाषा से भी)
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