कांग्रेस सांसद महंगाई के मुद्दे पर राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने की तैयारी में हैं. ये मार्च शुक्रवार को 11 बजे निकाला जाएगा. उक्त बात की जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री को महंगाई की सच्चाई के बारे में पता नहीं है. वहीं, लोकसभा और राज्यसभा में ED और दूसरी जांच एजेंसियों की कार्यवाही के खिलाफ कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों के हंगामे पर राज्य सभा कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने एनडीटीवी से कहा कि सांसदों के प्रिविलेज होते हैं. राज्यसभा में विपक्ष के नेता का पद एक संवैधानिक पद है. संसद के सत्र के दौरान ईडी ने समन क्यों जारी किया है? यह एक सांसद के प्रिविदलेज के खिलाफ है .
नासिर हुसैन ने कहा कि सरकार जनता का ध्यान हटाना चाहती है. जो नेता और विधायक बीजेपी में शामिल हुए, उनके खिलाफ ईडी और दूसरी जांच एजेंसियों ने कार्रवाई क्यों रोक दी? झारखंड में क्या हो रहा है, पश्चिम बंगाल में क्या हुआ. शुक्रवार को हम 11:00 बजे सभी कांग्रेस के सांसद राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च करेंगे. हम राष्ट्रपति से कहना चाहते हैं कि वह प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री से महंगाई काबू में करने की सलाह दें.
कल कांग्रेस के सभी सांसद राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च करेंगे. बता दें कि कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों से महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ 'चलो राष्ट्रपति भवन' के नाम से विरोध प्रदर्शन करने को कहा था. इससे पहले कांग्रेस ने विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार से मांग की थी कि संसद में महंगाई पर चर्चा हो. कांग्रेस की इस मांग के बाद ही बीते सोमवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महंगाई पर अपनी बात रखी थी. हालांकि महंगाई पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से NDTV ने खास बातचीत की थी.
अधीर रंजन चौधरी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि इनमें कोई दम नहीं है, यह सारी फिजूल बातें हैं, सारे गलत तथ्य पेश किए गए हैं. आप लोगों से पूछ लीजिए महंगाई से उनकी हालत क्या है. ये आंकड़ों के जरिए सब ठीक-ठाक दिखाने की कवायद है. आप बाजार में जाए आग लग चुकी है, लोगों की जेब में आग लग चुकी है. लोगों के आर्थिक हालात जर्जर हो चुके है.
अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा था कि सरकार हर बात में अपने बचाव में यूपीए को लेकर आती है. एक वक्त सिलेंडर 350 सौ से 400 रुपये तक था. उस वक्त पेट्रोल-डीजल के दाम क्या थे और आज क्या हैं. उस समय मुद्रा की दर क्या थी और अब क्या है, पता कर लीजिए. यह बेकार तथ्य सदन को पेश करते हुए देश के आम लोगों को गुमराह करने के लिए सरकार की चाल है. इसलिए हमने देखा कि ये असली बात नहीं कर रहे हैं, हम लोग ने विरोध किया और बाहर चले गए.
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