मेरी मां के आंसू... प्रियंका गांधी ने अमित शाह की सोनिया गांधी पर टिप्‍पणी का दिया जवाब

कांग्रेस महासचिव और वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने मंगलवार को सरकार को घेरा. पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर प्रियंका ने गृह मंत्री से कुछ कड़े सवाल भी किए.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर के अचानक रुकने पर गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किए.
  • प्रियंका गांधी ने कहा कि आतंकियों को शरण देने का सवाल गृह मंत्री ने इतिहास के बहाने टाल दिया.
  • उन्होंने सरकार पर सुरक्षा विफलता का आरोप लगाते हुए पहलगाम हमले में लोगों को भगवान भरोसे छोड़ने की निंदा की.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

कांग्रेस महासचिव और वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने मंगलवार को सरकार को घेरा. पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार को घेरते हुए प्रियंका गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह से कुछ कड़े सवाल भी किए. उन्‍होंने कहा कि अमित शाह ने इतिहास का पाठ पढ़ाया और उनकी मां के आंसुओं तक की बात की, लेकिन यह नहीं बताया कि जब पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे तो ऑपरेशन सिंदूर को अचानक क्यों रोक दिया गया.  

'मेरी मां के आंसू...'

प्रियंका ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर खास चर्चा में हिस्‍सा लेते हुए यह भी कहा कि उनकी मां सोनिया गांधी के आंसू तब गिरे थे जब उनके पति (राजीव गांधी) को आतंकवादियों ने शहीद किया था. लोकसभा सांसद प्रियंका ने कहा, 'गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के पास शरण में आने के बजाए कोई चारा नहीं था. सवाल है कि आपने शरण दी क्यों? आतंकी हमारे देश में आकर लोगों को मार डालते हैं और आप उन्हें शरण दे रहे हैं. आपने इस बात का जवाब अपने एक भी भाषण में क्यों नहीं दिया?'

'गृह मंत्री इतिहास में चले गए' 

प्रियंका गांधी ने आगे कहा, ‘जैसे ही शरण की बात उठी गृह मंत्री इतिहास में चले गए. वह नेहरू जी, इंदिरा जी से लेकर मेरी मां के आंसुओं तक पहुंच गए. लेकिन इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि जंग क्यों रुकी?' प्रियंका ने सवाल किया,'सदन में मेरी मां के आंसुओं की बात की गई और मैं इसका जवाब देना चाहती हूं. मेरी मां के आंसू तब गिरे, जब उनके पति को आतंकवादियों ने शहीद किया, जब वह सिर्फ 44 साल की थीं. आज मैं इस सदन में खड़ी होकर (पहलगाम हमले में मारे गए) उन 26 लोगों की बात इसलिए कर रही हूं, क्योंकि मैं उनका दर्द जानती हूं और उसे महसूस करती हूं.'  

Advertisement

शाह ने दिया जवाब 

प्रियंका यहीं नहीं रुकीं और उन्‍होंने कहा, 'सदन में गृह मंत्री ने कहा था, ‘एक सुबह मैंने टीवी पर देखा कि सलमान खुर्शीद रोते-रोते सोनिया गांधी के घर से बाहर आ रहे थे और उन्होंने कहा कि बटला हाउस की घटना देखकर सोनिया जी फूट फूटकर रो पड़ीं.'  शाह ने उस समय कहा था कि रोना था तो शहीद मोहनचंद्र शर्मा के लिए रोते, लेकिन इन्हें बटला हाउस के आतंकवादियों के लिए रोना आता है. कांग्रेस के कुछ सदस्यों के शोर मचाने पर शाह ने कहा कि मेरे पास खुर्शीद का वो इंटरव्यू सेव है और आप कहें तो उसे दिखाने के लिए तैयार हूं. 

Advertisement

'लोगों को भगवान भरोसे छोड़ा'  

प्रियंका गांधी ने सदन में गृह मंत्री के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी घेरा. उन्‍होंने कहा, 'रक्षा मंत्री का लंबा भाषण था. दूसरे भाषण भी सुने. मेरे मन में बार-बार यह बात आई कि सारी बातें कर लीं, इतिहास का पाठ पढ़ा दिया लेकिन यह नहीं बताया गया कि 22 अप्रैल, 2025 को हमला कैसे हुआ और क्यों हुआ.' उन्होंने सवाल किया, 'बैसरन घाटी में सुरक्षा क्यों नहीं थी? क्या सरकार को पता नहीं था कि वहां इतने लोग आते हैं.'  प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि लोग सरकार के भरोसे गए और इस सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया. 

Advertisement

उन्होंने सवाल किया, ‘क्या लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की नहीं है?' उन्‍होंने आगे कहा, 'उप राज्यपाल (मनोज सिन्हा) एक इंटरव्‍यू में कहते हैं कि बैसरन घाटी में बहुत ज्यादती हुई है, उसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं.' उन्होंने दावा किया कि टीआरएफ आतंकी संगठन 2019 में बना और कश्मीर घाटी में पांच साल के दौरान 25 आतंकी हमले किए गए. उन्होंने आरोप लगाया कि यह एजेंसियों की बड़ी विफलता है. 

Advertisement

प्रियंका ने यह भी कहा कि सरकार ने एजेंसियों की विफलता की जिम्मेदारी ली? आईबी गृह मंत्री जी के कार्यक्षेत्र में आता है, क्या उन्होंने इस्तीफा दिया? इस्तीफा तो छोड़िए, क्या उन्होंने जिम्मेदारी भी ली? प्रियंका गांधी ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा, ‘आप इतिहास की बात करिये. मैं वर्तमान की बात करना चाहती हूं. आप 11 साल से सत्ता में हैं और अपनी जिम्मेदारी खुद लीजिए.' उन्होंने कहा, ‘मुंबई हमले के बाद महाराष्‍ट्र के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया था और गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया. उनकी इस देश की जनता के प्रति जवाबदेही थी. 

प्रियंका ने पढ़े 26 लोगों के नाम 

प्रियंका ने सदन में गरजते हुए कहा कि उरी, पुलवामा और पठानकोट के समय राजनाथ गृह मंत्री थे. अमित शाह गृह मंत्री रहते पहलगाम हमला हुआ, दिल्ली में दंगे हुए, मणिपुर में हिंसा हुई, वह अपने पद पर बने हुए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला और कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय तो प्रधानमंत्री चाहते हैं. श्रेय लीजिए लेकिन सिर्फ श्रेय लेने से नेतृत्व नहीं होता, जिम्मेदारी भी लेनी पड़ती है.' प्रियंका गांधी ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार हुआ कि युद्ध रुक गया और इसका ऐलान अमेरिका के राष्‍ट्रपति करते हैं. यह हमारे प्रधानमंत्री की गैर-जिम्मेदारी का सबसे बड़ा प्रतीक है. 

कांग्रेस नेता ने सवाल पूछा और कहा, 'इसका जवाब नहीं दिया कि जंग रुकी क्यों?' प्रियंका ने सरकार पर कूटनीतिक विफलता का भी आरोप लगाया. कांग्रेस सांसद ने अपने भाषण के आखिर में उन सभी लोगों के नाम पढ़े, जो 22 अप्रैल के पहलगाम हमले में मारे गए थे. 
 

Featured Video Of The Day
Delhi, Mumbai, Varanasi Blasts... JP Nadda ने संसद में गिनाया | Parliament Monsoon Session