कांग्रेस नेता के "सॉफ्ट-हिंदुत्व" वाले बयान से केरल में छिड़ी बहस

एंटनी ने कहा था, “अल्पसंख्यकों के साथ, बहुसंख्यक हिंदुओं को भी मोदी के खिलाफ (कांग्रेस की) लड़ाई में शामिल होना चाहिए.

विज्ञापन
Read Time: 12 mins
एंटनी की टिप्पणी को लेकर भाजपा ने हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी हिंदू विरोधी पार्टी है
तिरुवनंतपुरम:

केरल के राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी की इस चेतावनी पर बहस छिड़ी हुई है कि ‘नर्म हिंदुत्व' से दूरी बनाने के नाम पर हिंदुओं की उपेक्षा करने से केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नयी दिल्ली में सत्ता बनाए रखने में मदद मिलेगी. पार्टी के नेताओं की राय राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री के बयान को लेकर बंटी हुई है. एंटनी ने कहा था, “अल्पसंख्यकों के साथ, बहुसंख्यक हिंदुओं को भी मोदी के खिलाफ (कांग्रेस की) लड़ाई में शामिल होना चाहिए. यह दृष्टिकोण (एक वर्ग का) है कि वे हिंदू मित्र जो मंदिरों में जाते हैं और माथे पर चंदन का लेप (तिलक) लगाते हैं वे नर्म हिंदुत्व की तरफ खड़े हैं, इससे मोदी को सत्ता बनाए रखने में मदद मिलेगी.”

एंटनी ने यहां केपीसीसी मुख्यालय में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 138वें स्थापना दिवस पर बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही. एंटनी का पूरी तरह से समर्थन करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने केरल की सत्तारूढ़ माकपा पर इस मुद्दे पर लोगों के बीच भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया. भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पर देश को विभाजित करने के प्रयास का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उनमें हिंदू धर्म द्वारा परिकल्पित व्यापक विचारधारा का अभाव है.

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने भी एंटनी के बयान का दृढ़ता से समर्थन और बचाव किया, वहीं पार्टी सांसद राजमोहन उन्नीथन ने अपनी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस तरह के विचार से सहमत नहीं हो सकते. लोकसभा में कसारगोड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले उन्नीथन ने हालांकि इस बारे में और कुछ नहीं कहा. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कांग्रेस पर अपनी राजनीतिक नीतियों में हमेशा एक नर्म हिंदुत्व दृष्टिकोण अपनाने का आरोप लगाया और दावा किया कि इस तरह के रुख से भाजपा की बढ़त का विरोध करने में मदद नहीं मिलेगी.

एंटनी की टिप्पणी को लेकर भाजपा ने हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी हिंदू विरोधी पार्टी है जो अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता को बढ़ावा देती है. सतीशन ने कहा कि एंटनी ने जो कहा वह असली राजनीति है और यह कहना सही नहीं है कि देश में सभी हिंदू भाजपा समर्थक हैं. उन्होंने कहा कि वे सभी जो भगवा धोती पहनते हैं और माथे पर चंदन लगाते हैं वे भाजपा के हमदर्द नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें संघ के कार्यकर्ताओं के रूप में चित्रित करने से केवल दक्षिणपंथी ताकतों को मदद मिलेगी.

उन्होंने कोट्टायम में संवाददाताओं से कहा, “हिंदुओं का एक बड़ा हिस्सा सांप्रदायिकता और संघ परिवार की ताकतों के खिलाफ है. मंदिर जाना चर्च जाने जैसा ही है.” केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष मुरलीधरन ने कहा, “हिंदू धर्म में 'नर्म हिंदुत्व' या 'चरम हिंदुत्व' नाम की कोई चीज नहीं है.” उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “लेकिन, उन्हें यह समझना चाहिए कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी मंदिरों में गए थे. इसलिए, इसे उसी अर्थ में देखा जाना चाहिए. इसकी गलत व्याख्या हिंदू धर्म को पूरी तरह भाजपा को सौंपने के बराबर है.”

माकपा के प्रदेश सचिव एम.वी. गोविंदन ने दावा किया कि नर्म हिंदुत्व भाजपा के लिए “लोगों को संगठित करने का जरिया” है. उन्होंने आरोप लगाया, “कांग्रेस ऐसा कर रही है.” एंटनी पर निशाना साधते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि बहुसंख्यकों को किसी और पार्टी ने उतना नुकसान नहीं पहुंचाया जितना कांग्रेस ने.

Advertisement

ये भी पढ़ें-

 

Featured Video Of The Day
SIR Voter List Revision: : देशभर में SIR कहां-कहां होगा? क्यों है सियासी तनाव? | Election Commission
Topics mentioned in this article