कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा की कंगना रनौत को खुली बहस की चुनौती दी

लोक निर्माण मंत्री सिंह ने कहा, 'हालांकि हमारे मन में प्रधानमंत्री मोदी के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री पर पूरी तरह भरोसा करने के बजाय लोगों को कम से कम अपने दृष्टिकोण के बारे में बताना चाहिए.'

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कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा की कंगना रनौत को खुली बहस की चुनौती दी
शिमला:

हिमाचल प्रदेश के मंत्री और मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार कंगना रनौत को निर्वाचन क्षेत्र के लिए उनके दृष्टिकोण पर खुली बहस की चुनौती दी. सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''हमारा लोकतंत्र एक स्वस्थ लोकतंत्र है...उन्हें बहस में भाग लेना चाहिए और लोगों को अपने दृष्टिकोण के बारे में बताना चाहिए. मैं भी निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपने दृष्टिकोण के साथ लोगों को उन कार्यों के बारे में बताऊंगा जो मैंने मंडी के लिए किया है.''

उन्होंने चुनावी सभाओं में कंगना के भाषणों को लेकर उन पर निशाना साधा और कहा कि वह जहां कहीं जाती हैं तो उनका एक ही एजेंडा होता है - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम दोहराते रहना.

लोक निर्माण मंत्री सिंह ने कहा, 'हालांकि हमारे मन में प्रधानमंत्री मोदी के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री पर पूरी तरह भरोसा करने के बजाय लोगों को कम से कम अपने दृष्टिकोण के बारे में बताना चाहिए.'

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सिंह ने कहा, 'वह कहती हैं कि वह एक बड़ी अभिनेत्री हैं...उन्हें आगे आना चाहिए और मंडी के लोगों को बताना चाहिए कि वह उनके लिए क्या काम करेंगी और मुझे विश्वास है कि मंडी के युवा, महिलाएं और लोग इसकी सराहना करेंगे.'

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सिंह ने दावा किया कि कंगना को राज्य के इतिहास और भूगोल के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, 'वह सिर्फ स्क्रिप्ट पढ़ती हैं जो उनके पटकथा लेखक उन्हें देते हैं और जब कोई उनसे सवाल पूछता है तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता.'

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इस बीच कंगना ने सिंह पर निशाना साधा और कहा कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह आज जीवित होते, तो वह विक्रमादित्य सिंह को उनके खिलाफ 'अपमानजनक टिप्पणी' करने के लिए डांटते और माफी मांगने को कहते.

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कंगना मंडी निर्वाचन क्षेत्र के ननखड़ी इलाके में एक सभा को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा, 'हम उनकी टिप्पणी के लिए उन्हें (विक्रमादित्य सिंह) माफ कर सकते हैं, लेकिन हम उन्हें नेतृत्व नहीं सौंप सकते.''
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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