"पूरा लद्दाख जानता है...": चीन के नया नक्शा जारी करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कर्नाटक के लिए रवाना होते समय कहा, ''प्रधानमंत्री को इस बारे में कुछ कहना चाहिए.''"मैं वर्षों से कह रहा हूं कि पीएम ने जो कहा कि लद्दाख में एक इंच जमीन नहीं गई, वह झूठ है. पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने अतिक्रमण किया है.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज चीन द्वारा अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश पर दावा करने वाले नक्शे को जारी करने के जवाब में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से बयान देने की मांग की. सोमवार को, चीन ने एक नया "मानक" नक्शा जारी किया, जिसमें अक्साई चिन, जिस पर उसने 1962 के युद्ध में कब्जा किया था, और अरुणाचल प्रदेश, जिस पर वह दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता है, उसे अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखाया है. मैप में संपूर्ण दक्षिण चीन सागर को भी चीन के हिस्से के रूप में दिखाया गया है, जैसा कि पिछले संस्करणों में दिखाया गया था.

राहुल गांधी ने कर्नाटक के लिए रवाना होते समय कहा, ''प्रधानमंत्री को इस बारे में कुछ कहना चाहिए.''"मैं वर्षों से कह रहा हूं कि पीएम ने जो कहा कि लद्दाख में एक इंच जमीन नहीं गई, वह झूठ है. पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने अतिक्रमण किया है. यह मानचित्र मुद्दा बहुत गंभीर है, उन्होंने जमीन छीन ली है."  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि नक्शे का कोई मतलब नहीं है और चीन को ऐसे नक्शे जारी करने की 'आदत' है.

इसी के साथ विदेश मंत्री ने कहा, "चीन ने उन क्षेत्रों के साथ मानचित्र जारी किए हैं जो उनके नहीं हैं. (यह एक) पुरानी आदत है, केवल भारत के कुछ हिस्सों के साथ मानचित्र जारी करने से... इससे कुछ भी नहीं बदलेगा. हमारी सरकार इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि हमें अपने जगह क्या करना है. बेतुके दावे करने से दूसरे लोगों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता,''  हालांकि भारत ने "मानक" मानचित्र पर राजनयिक चैनलों के माध्यम से विरोध शुरू जताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा, "हम दावों को खारिज करते हैं क्योंकि उनका कोई आधार नहीं है. चीनी पक्ष के ऐसे कदम केवल सीमा प्रश्न के समाधान को जटिल बनाते हैं."

Advertisement

यह मानचित्र ऐसे महत्वपूर्ण समय में सामने आया है जब भारत 9-10 सितंबर को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के लिए तैयार हो रहा है. पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस महीने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपनी बैठक के दौरान संपूर्ण वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर "तेजी से तनाव कम करने" के लिए काम करने पर सहमत हुए. चीन ने अप्रैल की शुरुआत में अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के लिए नए चीनी नामों की घोषणा की. भारत ने नाम बदलने को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और इससे वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा कि पूर्वोत्तर राज्य भारतीय प्रशासन के अधीन है.

Advertisement

यह चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा 2017 में जारी छह स्थानों के पहले बैच और 2021 में जारी 15 स्थानों के दूसरे बैच में तीसरी वृद्धि थी. मई 2020 में शुरू हुए पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के कारण भारत और चीन के बीच संबंध गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गए थे, जिसके बाद तनाव कम करने की कई वार्ताओं के बीच दोनों देशों के सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से टकराव चल रहा है.

Advertisement

ये भी पढ़ें : दिल्ली मेट्रो रक्षाबंधन पर लगभग 106 एक्सट्रा ट्रेन ट्रिप चलाएगी

ये भी पढ़ें : भारत ने "विशेष संबंधों" के मद्देनजर सिंगापुर को चावल निर्यात करने का किया फैसला

Featured Video Of The Day
UP DGP Appointment: अब Uttar Pradesh में ही तय होगा डीजीपी, Akhilesh ने किया तंज
Topics mentioned in this article