"जुबान फिसल गई थी..." : गिरफ्तारी से राहत के लिए SC पहुंचे पवन खेड़ा ने कहा

पवन खेड़ा की ओर से कोर्ट में पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पवन खेड़ा को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए. पवन खेड़ा के खिलाफ उत्‍तर प्रदेश के बनारस व लखनऊ और असम में मामले दर्ज हैं, इन सभी को एक साथ जोड़ा जाए. 

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नई दिल्‍ली:

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच सुनवाई कर रही है. पवन खेड़ा की ओर से कोर्ट में पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पवन खेड़ा को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए. पवन खेड़ा के खिलाफ उत्‍तर प्रदेश के बनारस व लखनऊ और असम में मामले दर्ज हैं, इन सभी को एक साथ जोड़ा जाए. असम सरकार की ओर सेएएसजी ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को दिया वीडियो. उन्‍होंने कहा कि गंभीरता तो देखिए प्रधानमंत्री के खिलाफ क्या-क्या बोला गया है.

सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा, "जो पवन खेड़ा ने कहा वो नहीं कहना चाहिए था, मैं ये मानता हूं. उन्होंने खुद माना कि जुबां फिसल गई थी. उन्होंने माफी भी मांगी थी. उनको रिहा करने के आदेश दिए जाएं. अदालत उनको संरक्षण दे. देश में किसी भी राजनीतिक बयानबाजी पर ये गंभीर केस नहीं लगाए जा सकते. ये अभिव्‍यक्ति की आजादी का हनन है. गिरफ्तारी में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. खेड़ा ने जो अपराध किया है उसमें 3 और 5 साल की ही अधिकतम सजा है." सिंघवी ने कहा कि असम पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 41 के तहत आरोपी को पहले पूछताछ के लिए समन नहीं किया है, बल्कि सीधे गिरफ्तार करने के लिए आ हुए हैं. प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ. 

सीजेआई ने कहा, "हम सभी एफआईआर के एक राज्य में निर्धारित कर देते हैं, ताकि वह राहत के लिए हाईकोर्ट जा सकें. इस स्टेज पर.हम एफआईआर रद्द नहीं कर सकते." इस दौरान प्रधामंत्री पर दिया गया गया बयान सुनाया गया. इस पर सीजेआई ने पूछा कि ये सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला कैसे?

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इससे पहले सीजेआई ने पूछा कि ये पवन खेड़ा कौन हैं? सिंघवी ने बताया वो कांग्रेस के प्रवक्ता हैं. सीजेआई ने कहा है कि 3 बजे मामले की सुनवाई करेंगे. दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में भाग लेने के लिए रायपुर जा रहे पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा को बृहस्पतिवार को रायपुर जाने वाले विमान से नीचे उतार दिया गया और बाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया. कुछ देर बाद दिल्ली पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और बताया कि असम में खेड़ा के खिलाफ मामला दर्ज है. 

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सिंघवी ने सीजेआई को सूचित किया कि खेड़ा दिल्ली हवाईअड्डे से सुबह 11 बजे उड़ान भरने वाले थे, लेकिन उन्हें विमान से उतार दिया गया. प्रधानमंत्री के बारे में उनके द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर असम, लखनऊ और वाराणसी में उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई हैं. खेड़ा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 153बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि, वह व्यक्तिगत रूप से विवादित बयानों का अनुमोदन नहीं करते हैं. लेकिन वाराणसी, लखनऊ और असम की एफआईआर को एक साथ जोड़ा जाना चाहिए.

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दिल्ली पुलिस ने खेड़ा को हिरासत में लेकर गई. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला और कुछ अन्य नेता भी खेड़ा के साथ गए. कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के संदर्भ में खेड़ा द्वारा कथित तौर पर की गई टिप्पणी को लेकर असम पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की कुछ धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. पहले कांग्रेस ने दावा किया था कि असम पुलिस ने खेड़ा को हिरासत में लिया है. दिल्ली हवाई अड्डे पर मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि असम में कोई दर्ज मामला दर्ज हुआ है.

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कांग्रेस ने खेड़ा को विमान से उतारे जाने को तानाशाही करार दिया है. इससे पहले, दिल्ली से रायपुर जाने वाली इंडिगो की उड़ान संख्या 6ई 204 से खेड़ा को उतारा गया तो कांग्रेस के कई नेता विरोध में नीचे उतर गए और धरने बैठ गए. घरेलू हवाई अड्डे के टर्मिनल एक पर हंगामा बढ़ने पर फ्लाइट स्टाफ ने बताया कि खेड़ा के बैग को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति थी. उन्होंने कहा कि पुलिस आ रही है और वह खेड़ा को स्थिति से अवगत कराएगी. कई कांग्रेसी नेताओं ने वहीं पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

फ्लाइट में मौजूद कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेट ने ट्विटर पर कहा, "हम सभी इंडिगो 6ई 204 फ्लाइट से रायपुर जा रहे हैं और अचानक मेरे साथी पवन खेड़ा को विमान से नीचे उतरने के लिए कहा गया." उन्होंने कहा, "यह किस तरह की मनमानी है? कोई कानून का शासन है या नहीं? यह किस आधार पर और किसके आदेश पर किया जा रहा है?" इस बीच, इंडिगो के अधिकारियो ने कहा कि सभी यात्रियों को दूसरे विमान से रायपुर ले जाया जाएगा.

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