कांग्रेस नेता अधीर चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने आज पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी मनीष तिवारी (Manish Tiwari) पर उनकी आगामी किताब '10 Flash Point, 20 Years- National Security Situations that Impacted India' को लेकर निशाना साधा है. दरअसल, किताब के अंशों से प्रतीत होता है कि उस समय कांग्रेस के आधिकारिक प्रवक्ता और बाद में सूचना और प्रसारण मंत्री रहे मनीष तिवारी मुंबई के 26/11 आतंकवादी हमलों के खिलाफ कांग्रेस सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से सहमत नहीं थे.
किताब के अंश में तिवारी ने लिखा है, 'किसी देश (पाकिस्तान) को अगर निर्दोष लोगों को कत्लेआम करने में कोई अफसोस नहीं है तो ऐसे में संयम ताकत की पहचान नहीं, बल्कि कमजोरी की निशानी है. 26/11 एक ऐसा मौका था जब शब्दों से ज्यादा जवाबी कार्रवाई दिखनी चाहिए थी.' उन्होंने मुंबई हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 से करते हुए कहा कि भारत को उस समय तेजी से जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए थी.'
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वहीं अधीर चौधरी इस मुद्दे पर मनीष तिवारी के खिलाफ बोलने वाले पहले कांग्रेसी हैं. उन्होंने कहा, "उन्हें (मनीष तिवारी) चीन पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसने लद्दाख में हमारे कई क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है और अरुणाचल प्रदेश में गांवों का निर्माण किया है," समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक चौधरी ने कहा कि वह अब होश में आ रहे हैं, उन्होंने उस समय इस बारे में बात क्यों नहीं की."
बता दें कि मनीष तिवारी उन 23 नेताओं में से एक हैं जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को दिए गए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें नेतृत्व में संगठनात्मक परिवर्तन की मांग की गई थी. वहीं इस मुद्दे पर अभी तक उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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उधर, इस किताब को लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है. भाजपा के सोशल मीडिया प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर लिखा, "सलमान खुर्शीद के बाद एक और कांग्रेस नेता ने अपनी किताब बेचने के लिए यूपीए की आलोचना की. मनीष तिवारी ने अपनी नई किताब में 26/11 के बाद संयम के नाम पर यूपीए की कमजोरी की आलोचना की. एयर चीफ मार्शल फली मेजर का पहले से ही बयान रिकॉर्ड में है कि भारतीय वायुसेना हमले के लिए तैयारी थी लेकिन यूपीए सरकार ऐसा नहीं कर पाई."
केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, "मनीष तिवारी बिल्कुल सही बात कह रहे हैं. क्योंकि, यूपीए सरकार के दौरान, आतंकवाद के खिलाफ दृष्टिकोण बहुत कमजोर और ढीला था. मैं आतंकवाद के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता. लेकिन यूपीए सरकार ने देश विरोधी तत्वों का मुकाबला करने के लिए हमारे बलों को कभी खुली छूट नहीं दी."
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