कर्नाटक चुनाव में फूंक-फूंक कर कदम रख रही कांग्रेस, डीके शिवकुमार के बैकअप ने चौंकाया

डीके शिवकुमार को राज्य के सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली कांग्रेस नेताओं में से एक माना जाता है. वह 2017 से केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कई छापे और समन का सामना कर रहे हैं.

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कर्नाटक चुनाव में फूंक-फूंक कर कदम रख रही कांग्रेस, डीके शिवकुमार के बैकअप ने चौंकाया
डीके शिवकुमार के अंतिम मिनट की अयोग्यता की स्थिति में उनके भाई डीके सुरेश इस सीट पर चुनाव लड़ेंगे.
बेंगलुरु:

अगले महीने होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कनकपुरा सीट पर कांग्रेस का बड़ा दांव लगा है. इस लड़ाई में कोई मौका नहीं लेते हुए कांग्रेस ने अपने राज्य इकाई के प्रमुख डीके शिवकुमार का बैकअप तैयार कर लिया है. शिवकुमार के अंतिम मिनट की अयोग्यता की स्थिति में उनके भाई डीके सुरेश इस सीट पर चुनाव लड़ेंगे. डीके सुरेश बेंगलुरु ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. डीके शिवकुमार ने 10 मई को चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र जमा किया था. आज सुरेश ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. नामांकन दाखिल करने की समय सीमा से कुछ घंटे पहले आए इस कदम ने कई लोगों को चौंका दिया.

पहले कहा था-राज्य में दिलचस्पी नहीं
जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी के खिलाफ रामनगर से चुनाव लड़ने की अफवाहों के बीच, कर्नाटक से कांग्रेस के एकमात्र सांसद सुरेश ने पहले कहा था कि उन्हें राज्य की राजनीति में आने में कोई दिलचस्पी नहीं है. कथित मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी के मामलों में डीके शिवकुमार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर (आईटी) विभाग द्वारा चल रही जांच से प्रभावित होने की स्थिति में कांग्रेस द्वारा इस कदम को एहतियाती उपाय के रूप में देखा जा रहा है. 

सात विधानसभा चुनाव जीते हैं शिवकुमार
डीके शिवकुमार को राज्य के सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली कांग्रेस नेताओं में से एक माना जाता है. वह 2017 से केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कई छापे और समन का सामना कर रहे हैं. उन्होंने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता वोक्कालिगा समुदाय के गढ़ कनकपुरा से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. शिवकुमार खुद वोक्कालिगा समुदाय से हैं. उन्होंने 1989 के बाद से सात विधानसभा चुनाव जीते हैं. 2018 में 80,000 से अधिक मतों के अंतर से वह जीते थे. कनकपुरा में 10 मई को होने वाले मतदान को सबसे हाई-वोल्टेज मुकाबलों में से एक होने की उम्मीद है. चुनाव के नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे.

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