कांग्रेस को बड़ी मात्रा में कैश मिला, उसके पास जवाब देने के लिए पर्याप्त समय था : इनकम टैक्स मामले में सूत्र

अधिकारियों ने दावा किया कि कांग्रेस को 2013-14 से अप्रैल 2019 के बीच 626 करोड़ रुपये तक नकद राशि मिली थी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

इनकम टैक्स के ताजा नोटिस को कांग्रेस ने "कर आतंकवाद" करार दिया है. कांग्रेस के दावों का इनकम टैक्स विभाग ने जोरदार विरोध किया है. विभाग के सूत्रों ने बताया है कि आपत्तिजनक सामग्री जब्त कर ली गई है और मूल्यांकन की कार्यवाही अब हो रही है क्योंकि इस वित्तीय वर्ष की 31 मार्च तक की समय सीमा है.

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस को कार्यवाही के बारे में पता था और उसे जवाब देने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था. वह दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान भी जवाब दे सकती थी. कोर्ट ने पार्टी को राहत देने से इनकार कर दिया था.

कांग्रेस ने पहले दावा किया था कि इनकम टैक्स अधिकारियों की ओर से 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाए जाने के बाद उसके बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए. अब शुक्रवार को कांग्रेस ने कहा कि उसे विभाग से 1800 करोड़ रुपये का नया टैक्स नोटिस मिला है.

ताजा नोटिस आकलन वर्ष 2017-18 से 2020-21 (वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2019-20) के लिए है और इसमें जुर्माने और ब्याज की राशि शामिल है.

अधिकारियों ने कहा कि, अप्रैल 2019 में इनकम टैक्स सर्च से मेघा इंजीनियरिंग (जो चुनावी बांड योजना में दूसरी सबसे बड़ी दानदाता फर्म के रूप में उभरी है) और अन्य से कांग्रेस द्वारा नकद राशि लिए जाने का पता चला था. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सहयोगियों के यहां छापों के दौरान इसका पता चला था.

अधिकारियों ने दावा किया कि 2013-14 से अप्रैल 2019 के बीच कुल 626 करोड़ रुपये नकद लिए गए थे. एक अधिकारी ने कहा, "नकद राशि की इन रसीदों की पुष्टि कई तरीकों से की गई है, जिनमें तलाशी के दौरान मिले दस्तावेज, व्हाट्सऐप मैसेज और दर्ज किए गए बयान शामिल हैं."

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आयकर अधिनियम की धारा 13ए के तहत किसी राजनीतिक दल को प्राप्त होने वाले धन पर कुछ शर्तें पूरी होने पर कर में छूट दी जाती है, जिसमें 2000 रुपये से अधिक की राशि स्वीकार न करना भी शामिल है. अधिकारियों ने कहा कि, चूंकि कांग्रेस ने इन शर्तों का उल्लंघन किया, इसलिए वह अपनी पूरी आय पर टैक्स देने के लिए उत्तरदायी हो गई है.

एक सूत्र ने कहा कि, "कांग्रेस को स्टे मिलने का कारण यह है कि इनकम टैक्स विभाग ने अदालतों में विस्तृत, पुष्ट साक्ष्य पेश किए हैं, जो कि रिकॉर्ड पर हैं. यदि कांग्रेस पार्टी सोचती है कि वह निर्दोष है, तो उसे जनता से पूरा मूल्यांकन कराने का आदेश जारी करना चाहिए, सच्चाई सामने आ जाएगी.'' 

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दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को 2017-18 से 2020-21 मूल्यांकन वर्षों के लिए शुरू की गई इनकम टैक्स की पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही के खिलाफ कांग्रेस की ओर से दायर चार याचिकाओं को खारिज कर दिया.

'निशाना बनाया जा रहा'

शनिवार को कांग्रेस ने कहा कि उसके नेताओं को 1800 करोड़ रुपये के डिमांड नोटिस के अलावा टैक्स के दो और नोटिस मिले हैं. युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया. आयकर विभाग की कार्यवाही को कांग्रेस ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का "कर आतंकवाद" कहा है.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा, "कांग्रेस को निशाना बनाया जा रहा है. हमें बार-बार नोटिस मिल रहे हैं. हमें शुक्रवार रात को दो और नोटिस मिले. कल जब हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी तब हमें चार नोटिस मिले थे और बाद में दो और मिले. मुझे नहीं पता कि कितने और भेजे जाएंगे.“

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि नोटिस इस बात के सबूत हैं कि बीजेपी कांग्रेस और इंडिया गठबंधन से "डरती" है. उन्होंने दावा किया कि, "बीजेपी समझ गई है कि वह चुनाव हार जाएगी, इसलिए वे हर तरह का डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे कल रात में एक सुलझ चुके मामले में भी आयकर का नोटिस मिला है."

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