गहलोत समर्थक नेताओं के मिले जवाब, आगे के कदम पर जल्द विचार कर सकती है कांग्रेस अनुशासनात्मक समिति

कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति द्वारा धारीवाल, जोशी और राठौड़ को 27 सितंबर की रात को उनकी 'गंभीर अनुशासनहीनता' के लिए नोटिस जारी किए गए थे.

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गहलोत समर्थक नेताओं के मिले जवाब, आगे के कदम पर जल्द विचार कर सकती है कांग्रेस अनुशासनात्मक समिति
नई दिल्ली:

कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के समानांतर दूसरी बैठक बुलाने के मामले में जल्द ही विचार कर आगे का कदम उठा सकती है. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक उन तीनों नेताओं के जवाब समिति को मिल गए हैं जिन्हें गत 27 सितंबर को नोटिस जारी किए गए थे.

पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया कि गहलोत के वफादारों-संसदीय मामलों के मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के जवाब मिलने के बाद अब अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की जल्द बैठक हो सकती है जिसमें आगे की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा.

कांग्रेस के एक विश्वस्त सूत्र ने बताया, ‘तीनों नेताओं के जवाब मिल गए हैं. जल्द ही समिति की ऑफलाइन या ऑनलाइन बैठक होगी जिसमें आगे की कार्रवाई के बारे में विचार किया जाएगा.'

कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति द्वारा धारीवाल, जोशी और राठौड़ को 27 सितंबर की रात को उनकी 'गंभीर अनुशासनहीनता' के लिए नोटिस जारी किए गए थे और उन्हें 10 दिनों के भीतर यह बताने को कहा गया था कि उनके खिलाफ क्यों ना कार्रवाई की जाये?

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बता दें, गहलोत के तीनों वफादार नेताओं को 25 सितंबर को जयपुर में धारीवाल के आवास पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के विधायकों की समानांतर बैठक करने के बाद नोटिस जारी किए गए थे. यह नोटिस, पर्यवेक्षक बनकर आये अजय माकन और मल्लिकार्जुन खरगे की रिपोर्ट के बाद जारी किये गये थे.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में खडे होने की घोषणा के बाद उनका उत्तराधिकारी चुनने के लिये कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से एक प्रस्ताव को पारित करने के लिए कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई थी.

गहलोत के वफादार विधायक चाहते थे कि अगर गहलोत को बदलना पड़ा तो जिन 102 विधायकों ने जुलाई 2020 में संकट के दौरान अशोक गहलोत सरकार का समर्थन किया था उनमें से किसी भी विधायक को मुख्यमंत्री चुना जाये.

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उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने 18 समर्थक विधायकों के साथ अशोक गहलोत के नेतृत्व को लेकर बगावत की थी.

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गहलोत ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सीएलपी की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं हो पाने के लिए माफी मांगी थी.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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