फिरोजपुर जाने के दौरान रास्ते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि पार्टी को गंभीर चूक के लिए माफ नहीं किया जा सकता है. प्रधानमंत्री देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनका कार्यालय एक ऐसी संस्था होती है जिसका सभी को सम्मान करना चाहिए. पंजाब में कांग्रेस सत्ता में है. क्या हम ऐसी सुरक्षा चूक की कल्पना कर सकते थे जैसी कल (बुधवार को) प्रधानमंत्री के काफिले के साथ हुई?'
उत्तरकाशी में भाजपा की विजय संकल्प यात्रा के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, “यदि हम प्रधानमंत्री जैसे संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं, तो देश के लोकतांत्रिक संस्थानों के विघटन को रोकना कठिन होगा.”
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बुधवार को फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों के सड़क को अवरूद्ध करने के कारण मोदी का काफिला फ्लाईओवर पर फंस गया था, जिसके बाद वह एक रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से लौट आए. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए कहा कि उसने जरूरी तैनाती सुनिश्चित नहीं की, जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और जवाबदेही तय की जाएगी.
राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं भी मुख्यमंत्री रह चुका हूं. हमने इस तरह की घटिया राजनीति को कभी स्वीकार नहीं किया.” उन्होंने लोगों से पूछा कि पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ जो हुआ उसके लिए क्या कांग्रेस को माफ किया जा सकता है? उन्होंने उत्तराखंड के लिए कांग्रेस के प्रचार समिति के प्रमुख हरीश रावत पर हमला किया, जिन्होंने कहा था कि मोदी राज्य में ‘‘मार्केटिंग'' के लिए आते रहते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि रावत यह कहकर केदारनाथ पुनर्निर्माण का श्रेय लेने की कोशिश रह रहे हैं कि मोदी ने जिस गुफा में ध्यान किया था, वह उनके मुख्यमंत्री रहते बनी थी. यदि यह सच है, तो आप उस गुफा में ध्यान करने का साहस क्यों नहीं जुटा पाए?
हालांकि, सिंह ने रावत का नाम नहीं लिया बल्कि कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री हैं जो फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. मैंने हमारे किसी भी प्रधानमंत्री के विरूद्ध कभी भी निराधार आरोप नहीं लगाए, चाहे वह जवाहरलाल नेहरू हों, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मनमोहन सिंह या देवेगौड़ा हों क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय एक लोकतांत्रिक संस्था है जिसका सबको सम्मान करना चाहिए.
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कांग्रेस के इस आरोप पर कि भाजपा ने उत्तराखंड में दो मुख्यमंत्रियों को बदल दिया है, सिंह ने कहा कि पार्टी के सभी मुख्यमंत्रियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है. अगर हम किसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पेश करके चुनाव लड़े होते, तो हम उसे नहीं बदलते. पार्टी ने चुनाव लड़ा और जिसे भी उसने मुख्यमंत्री के पद के उपयुक्त समझा उसे मुख्यमंत्री बनाया. यह पार्टी का आंतरिक मामला है.
उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी को कई बातों का ध्यान रखना होता है. संगठन के लिए किसकी सेवाओं की जरूरत है और किसकी संसद के लिए... हम चाहें तो 10 बार मुख्यमंत्री को बदल सकते हैं. इससे आप क्यों परेशान हैं? भाजपा और अन्य दलों में यह फर्क है कि भाजपा की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है. इस दलील के समर्थन में उन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का उदाहरण दिया.
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