Explainer: क्‍या लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस एक और झटके के लिए तैयार..? कमलनाथ के पाला बदलने की चर्चा

कांग्रेस ने उन खबरों का खंडन किया है कि कमलनाथ, पार्टी के साथ अपने लंबे जुड़ाव को समाप्त कर देंगे, इस बात पर जोर देते हुए कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1979 में उनके लिए प्रचार करते समय उन्हें अपना "तीसरा बेटा" कहा था.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

कांग्रेस को लेकर बदले कमलनाथ के विचार!

नई दिल्‍ली:

कांग्रेस पार्टी की देश में इस समय क्‍या स्थिति है, ये किसी से छिपा नहीं है. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के कई बड़े नेता कांग्रेस का हाथ छोड़ पाला बदल चुके हैं. क्‍या कांग्रेस लोकसभा चुनाव से चंद महीनों पहले एक और झटके के लिए तैयार है? ये सवाल इसलिए, क्‍योंकि इस बात की जोरदार चर्चा है कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को ताजा झटका देते हुए वरिष्‍ठ नेता कमलनाथ भाजपा में जा सकते हैं. कमलनाथ के करीबी सूत्रों ने NDTV को बताया कि वह पार्टी से "नाखुश" हैं.

दिल्‍ली पहुंचे कमलनाथ लेकिन...

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को दिल्ली पहुंचे, जिससे अटकलों को और हवा मिल गई कि वह कांग्रेस का दामन छोड़ने जा रहे हैं. लेकिन दिल्‍ली पहुंचकर कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात नहीं की है. कमलनाथ को लेकर सिर्फ वीडी शर्मा जैसे राज्य भाजपा नेताओं को यह कहते हुए सुना गया कि पार्टी में शामिल होने के लिए उनका स्वागत है.

नकुलनाथ के भी पाला बदलने की चर्चा

सूत्रों ने कहा कि छिंदवाड़ा की जनता (जिनका कमलनाथ 9 बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं) चाहती है कि बेहतर विकास सुनिश्चित करने के लिए वह भाजपा में शामिल हों और इस पर वह गंभीरता से विचार और मंथन कर रहे हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व अब कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ कर रहे हैं. नकुलनाथ की भी अपने पिता के साथ भाजपा में शामिल होने की अटकलें हैं.

Advertisement
नकुलनाथ ने अपने सोशल मीडिया बायो से 'कांग्रेस' हटा दिया था, जिससे बाद चर्चांओं का बाजार गर्म हो गया, लेकिन सूत्रों ने कहा कि उनके बायो में कभी भी पार्टी के नाम का जिक्र नहीं था.

कांग्रेस को लेकर बदले कमलनाथ के विचार!

कमलनाथ की दिल्ली यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब भाजपा दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद आयोजित कर रही है. भाजपा के इस राष्‍ट्रीय अधिवेशन में देशभर के शीर्ष नेता भाग ले रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है, लेकिन उन्हें लगता है कि पार्टी अब वैसी नहीं है, जिसमें वह पांच दशक पहले शामिल हुए थे और उन्होंने नेतृत्व को अपनी नाखुशी बता दी है. हालांकि, स्‍थानीय नेताओं को लगता है कि कमलनाथ कभी भी कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल होने पर विचार नहीं करेंगे, लेकिन राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं होता, ऐसा कहा जाता है. 

Advertisement

दिग्विजय का कमलनाथ से कांग्रेस न छोड़ने का अनुरोध

सूत्रों ने बताया, "कमलनाथ को लगता है कि राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में व्यस्त हैं और पार्टी अब वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला जैसे नेता चला रहे हैं." उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि उनकी नाराजगी राज्यसभा के लिए नामांकित नहीं किए जाने को लेकर थी और कहा कि वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने उनसे पार्टी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया था.

Advertisement

क्‍या इंदिरा का 'तीसरा बेटा' छोड़ेगा कांग्रेस..? 

कांग्रेस ने उन खबरों का खंडन किया है कि कमलनाथ, पार्टी के साथ अपने लंबे जुड़ाव को समाप्त कर देंगे, इस बात पर जोर देते हुए कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1979 में उनके लिए प्रचार करते समय उन्हें अपना "तीसरा बेटा" कहा था. मध्‍य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने कहा, "क्या आप सपने में भी सोच सकते हैं कि इंदिरा गांधी का 'तीसरा बेटा' कांग्रेस छोड़ देगा? क्या वह उन कार्यकर्ताओं को छोड़ने के बारे में सोच सकते हैं जिन्होंने उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए अथक प्रयास किया." जीतू पटवारी ने पिछले साल पार्टी के चुनाव में हार के बाद कमलनाथ की जगह राज्य कांग्रेस प्रमुख का पद संभाला था.

Advertisement

राष्ट्रीय चुनाव से पहले कमलनाथ के पाला बदलने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगेगा. सबसे पुरानी पार्टी पहले से ही हाई-प्रोफाइल नेताओं के जाने की एक श्रृंखला से जूझ रही है. हाल ही में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी कांग्रेस का का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया. कमलनाथ के बाहर निकलने से पार्टी मध्य प्रदेश में कमजोर हो जाएगी, जहां कांग्रेस ने 2019 के चुनावों में सिर्फ एक सीट जीती थी. उनके पूर्व सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया, जो अब एक केंद्रीय मंत्री हैं, एक बड़े विद्रोह के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसने 2020 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को गिरा दिया था.

ये भी पढ़ें :- 

Topics mentioned in this article