ट्विटर के राहुल गांधी का अकाउंट ब्लाक करने पर कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि राहुल गांधी जब नौ साल की बच्ची के लिए न्याय की आवाज़ उठाते हैं तो बीजेपी और उसकी ट्रोल आर्मी को बहुत दर्द होता है

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कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी और मोदी सरकार को निशाना बनाया.
नई दिल्ली:

कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आज दिल्ली में बच्ची के बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर मोदी सरकार और बीजेपी पर जोरदार हमला किया. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जब नौ साल की बच्ची के लिए न्याय की आवाज़ उठाते हैं तो बीजेपी और उसकी ट्रोल आर्मी को बहुत दर्द होता है. आठ दिन हो गए, पीएम मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह सभी चुप हैं. सरकार ने अपनी पुलिस के दम पर ट्विटर को डराया और धमकाया और राहुल गांधी के एक ट्वीट को डिलीट कराया, उनके हैंडल को ब्लाक कराया. जबकि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला और कई ऐसे हैंडल हैं जिस पर बच्ची के परिवार की फोटो मौजूद है. लेकिन अकाउंट सिर्फ़ राहुल गांधी का ब्लाक क्यों हुआ है? 

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि दो तीन तारीख को जो ट्वीट किए गए वे आज भी मौजूद हैं लेकिन राहुल गांधी के हैंडल पर कार्रवाई होती है. चाहें तो हमें जेल भेज दें लेकिन हम न्याय के लिए आवाज़ उठाते रहेंगे. एक विपक्ष के नेता के हैंडल के साथ ऐसा करने के लिए ट्विटर को भी सोचना पड़ेगा. राहुल गांधी पूरी ताकत से अपनी आवाज़ उठाते रहेंगे. 

रागिनी नायक ने कहा कि सरकार राहुल गांधी से इतना डरती क्यों है. सरकार के मंत्रियों का आधा टाइम राहुल गांधी को घेरने में बीत जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों होता है कि जब बच्ची के साथ अन्याय होता है तो पुलिस उस बच्ची की आवाज़ को दबाने में लग जाती है. हमने हाथरस देखा कि कैसे इंस्टीट्यूशनल किलिंग की गई. आज भी हाथरस दोहराया जा रहा है. शुरुआत में दिल्ली पुलिस के द्वारा ये दिखाने की कोशिश हुई कि ये डेथ बाई नेग्लिजेंस है. 

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रागिनी नायक ने कहा कि राहुल गांधी जब आवाज़ उठाते हैं तो पूरी सरकार उनके ख़िलाफ़ लग जाती है. पहले पेगासस के ज़रिए जासूसी और अब ट्विटर हैंडल सस्पेंशन. पीड़िता के साथ खड़े होने के बजाय सरकार उसके साथ खड़ी आवाज़ को दबाने की कोशिश करती है. हम राहुल गांधी की सेना हैं, हम किसी से डरते नहीं. हम हैंडलूम डे पर शापिंग के लिए नहीं जाते, हम पीड़िता के लिए आवाज़ उठाते हैं. उन्होंने कहा कि हम टाइम बाउंड जांच और छह महीने के भीतर दोषियों को फांसी की मांग करते हैं.

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अलका लांबा ने कहा कि जब ये वारदात हुई तो संसद का सत्र चल रहा था. उम्मीद थी कि 11 महिला मंत्रियों में से कोई इस मुद्दे पर सवाल उठाएगी. किसी महिला मंत्री से मोदी जी ने नहीं कहा कि पीड़िता के घर जाइए. लेकिन महिला मंत्री दिल्ली हाट में खरीददारी करने जाती हैं. पीड़िता के घर जाने वाले राहुल गांधी पहले नेता थे. शक्ति सिंह गोहिल ने चार अगस्त को इस मामले को राज्यसभा में उठाया था लेकिन सरकार की तरफ़ से इस पूरे मामले पर चुप्पी है.

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सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हम ट्विटर से भी कह रहे हैं कि मत डरिए सरकार से. ट्विटर पर ये तस्वीरें और हैंडलों से भी डाली गई हैं लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं, सिर्फ़ राहुल गांधी पर क्यों की गई?

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