31 दिसंबर को एक सड़क हादसे में गंभीर तौर पर जख्मी हुई स्वीटी कुमारी की हालत में अब तेजी से सुधार हो रहा है. बिहार के एक मजदूर की इस बेटी के इलाज के लिए लोगों ने 40 लाख रुपए इकट्ठे किए थे. छह दिन कोमा और दो दिन वेंटीलेटर पर रहने के बाद आखिरकार शुक्रवार को स्वीटी ने हंसते हुए "विक्ट्री" का निशान बनाया. पटना में खेतिहर मजदूर शिवनंदन पाल और उनकी पत्नी ने किसी तरह 4 लाख रुपए लोन लेकर स्वीटी को बीटेक कराने ग्रेटर नोएडा भेजा था लेकिन 31 दिसंबर की रात एक कार ने उसे टक्कर मार दी. ऐसे हालत में अच्छे इलाज के लिए उसके माता-पिता के पास पैसे नहीं थे. ऐसे में मदद के लिए हर किसी ने हाथ बढ़ाया. सबसे पहले नोएडा पुलिस ने दस लाख रुपए दिए, इसके बाद दूसरे लोगों ने भी सामर्थ्य के अनुसार मदद की. अब तक 40 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिल चुकी है.
स्वीटी के पिता शिवनंदन पाल कहते हैं, "हम इतने अच्छे अस्पताल में कहां इलाज करवा पाते, लोगों ने बहुत मदद की. स्वीटी ने पढ़ाई के लिए चार लाख रुपए का लोन लिया था. अब ठीक होकर वह परीक्षा देगी." 31 दिसंबर को गंभीर हालत में स्वीटी को अस्पताल में भर्ती कराया था. उसके सिर पर गंभीर घाव थे और दोनों पैर टूट गए थे.
जटिल ऑपरेशन के बाद अब डॉक्टर उसके इलाज से संतुष्ट हैं. कैलाश हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डॉ. एके दुबे ने बताया, "जब वो लाई गई थी तो सर्वावाइव करना बहुत मुश्किल लग रहा था लेकिन हमने जटिल ऑपरेशन किया, दो दिन उसे वेंटीलेटर पर रखना पड़ा. स्वीटी अब ठीक होकर बीटेक फाइनल की परीक्षा देने की बात कह रही है, लेकिन ये घटना दिखाती है कि एक तरफ खौफनाक हादसे करने के बाद भागने वाले लोग हैं तो दूसरी तरफ मदद वाले भी बेपनाह लोग मौजूद हैं.
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